इंद्रानगर मदीना मस्जिद के पास आग के हादसे ने उजाड़ा गरीब का आशियाना, जमीअत उलेमा-ए-हिंद बनी सहारा

हल्द्वानी,हिंदी न्यूज़ ,उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर के इंद्रानगर इलाके में मदीना मस्जिद के निकट रेलवे लाइन के पास एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया है। एक गरीब परिवार का आशियाना आग की चपेट में आकर पूरी तरह राख हो गया। इस त्रासदी ने न केवल परिवार का सब कुछ छीन लिया, बल्कि उनके सपनों और उम्मीदों को भी भस्म कर दिया। लेकिन इस दुख की घड़ी में जमीअत उलेमा-ए-हिंद, हल्द्वानी यूनिट ने इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए पीड़ित परिवार के लिए मदद का हाथ बढ़ाया, जिसने न केवल उनके जख्मों पर मरहम लगाया, बल्कि उनके टूटे दिलों को फिर से उम्मीद की किरण दिखाई।

♦हादसे ने बिखेरी जिंदगी की उम्मीदें

सोमवार की रात, जब पूरा शहर सोने की तैयारी में था, इंद्रानगर के इस गरीब परिवार के लिए जिंदगी एक दर्दनाक दास्तान बन गई। अचानक लगी आग ने उनके छोटे से घर को अपनी चपेट में ले लिया। देखते ही देखते उनकी मेहनत से बनाया गया आशियाना, बच्चों के स्कूल के बैग, किताबें, कपड़े, और रोजमर्रा की जरूरत का हर सामान जलकर खाक हो गया। परिवार के सदस्य सदमे में हैं, और बच्चों की आंखों में भविष्य को लेकर अनिश्चितता साफ दिखाई दे रही है। यह हादसा न केवल एक घर को जलाने वाला था, बल्कि एक परिवार की मेहनत, उनके सपनों और उनकी छोटी-छोटी खुशियों को भी लील गया।

♦जमीअत उलेमा-ए-हिंद बनी उम्मीद की किरण

इस मुश्किल वक्त में जमीअत उलेमा-ए-हिंद, हल्द्वानी यूनिट ने इंसानियत का फर्ज निभाते हुए तुरंत कार्रवाई की। संगठन के नेतृत्व में मौलाना आसिम साहब, इमाम मस्जिद बिलाली और जमीअत उलेमा-ए-हिंद, हल्द्वानी के सदर, ने अपनी टीम के साथ घटनास्थल का दौरा किया। मौके पर पहुंचकर उन्होंने घर का मुआयना किया और स्थिति की गंभीरता को समझा। मौलाना आसिम ने बताया कि आग ने परिवार का सब कुछ तबाह कर दिया है। बच्चों के स्कूल बैग, किताबें, और ड्रेस तक जल गए हैं, जिसके कारण उनकी पढ़ाई पर भी असर पड़ सकता है।

मौलाना आसिम ने भावुक होते हुए कहा, “यह परिवार इस समय गहरे संकट में है। बच्चों की शिक्षा और परिवार की रोजमर्रा की जरूरतें हमारी प्राथमिकता हैं। जमीअत उलेमा-ए-हिंद, हल्द्वानी बच्चों के स्कूल बैग, किताबें, और ड्रेस का इंतजाम करेगी ताकि उनकी पढ़ाई रुकने न पाए। इसके साथ ही, परिवार की तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए 15 दिन का राशन तुरंत मुहैया कराया गया है।”

♦जमीअत का वादा: दो दिन में जरूरी सामान

जमीअत उलेमा-ए-हिंद, हल्द्वानी के सेक्रेटरी मुफ्ती लुकमान साहब ने इस मौके पर कहा, “जमीअत का मकसद ही जरूरतमंदों की मदद करना और समाज के हर तबके के साथ खड़ा होना है। इस परिवार को जल्द से जल्द जरूरी सामान उपलब्ध कराया जाएगा। इंशा अल्लाह, दो दिन के भीतर घरेलू जरूरतों का सामान इस परिवार तक पहुंच जाएगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि जमीअत हमेशा से सामाजिक और कल्याणकारी कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती रही है और आगे भी यह सिलसिला दुआओं के साथ जारी रहेगा।

♦मौलाना अरशद मदनी के मार्गदर्शन में राहत कार्य।

जमीअत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के मार्गदर्शन में हल्द्वानी यूनिट ने इस हादसे के बाद त्वरित कार्रवाई की। संगठन की यह पहल न केवल पीड़ित परिवार के लिए राहत लेकर आई, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे का संदेश भी दे रही है। मौलाना अरशद मदनी ने हमेशा जरूरतमंदों की मदद और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने पर जोर दिया है, और हल्द्वानी यूनिट उनके इस मिशन को जमीन पर उतार रही है।

♦समाज से अपील: एकजुट होकर करें मदद

जमीअत उलेमा-ए-हिंद, हल्द्वानी ने समाज के सभी वर्गों से अपील की है कि वे इस दुख की घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ खड़े हों। मुफ्ती लुकमान साहब ने कहा, “यह समय एकजुटता दिखाने का है। हमारा संगठन इस परिवार के पुनर्वास के लिए हर संभव प्रयास करेगा, और हम समाज के लोगों से भी आग्रह करते हैं कि वे इस नेक काम में हमारा साथ दें।”

यह हादसा भले ही एक परिवार के लिए त्रासदी बनकर आया हो, लेकिन जमीअत उलेमा-ए-हिंद की त्वरित कार्रवाई और संवेदनशीलता ने दिखा दिया कि इंसानियत अभी जिंदा है। इस परिवार के लिए यह मदद न केवल उनकी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करेगी, बल्कि उन्हें फिर से अपने पैरों पर खड़ा होने का हौसला भी देगी। जमीअत उलेमा-ए-हिंद, हल्द्वानी की इस पहल ने एक बार फिर साबित कर दिया कि मुसीबत के समय में एकजुटता और सहानुभूति ही समाज की सबसे बड़ी ताकत है।

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