नैनीताल,हिंदी न्यूज़।डॉ. मंजुनाथ टी.सी., भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के एक कर्मठ, ईमानदार और अत्यंत योग्य अधिकारी हैं, जिन्होंने अपनी लगन, निष्ठा और दक्षता के बल पर उत्तराखंड पुलिस विभाग में एक अलग पहचान बनाई है।
इनका जन्म 23 मई 1986 को बेंगलुरु (कर्नाटक) में हुआ। शिक्षा की शुरुआत सिद्धगंगा हाई स्कूल, तुमकुर से हुई। इसके बाद सरवोदय पीयू कॉलेज, तुमकुर से इंटरमीडिएट की शिक्षा प्राप्त की। डॉ. मंजुनाथ ने श्री सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज, तुमकुर से वर्ष 2010 में एमबीबीएस (MBBS) की डिग्री प्राप्त की।

एमबीबीएस करने के बाद उन्होंने फोर्टिस हॉस्पिटल, फरीदाबाद और सर गंगाराम हॉस्पिटल, नई दिल्ली में कार्डियोलॉजी रेजिडेंट (2011–2014) के रूप में कार्य किया। चिकित्सा क्षेत्र में योगदान देने के बाद उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त कर भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में प्रवेश किया।भारतीय पुलिस सेवा में चयन (2014) जून 2014 में उनका चयन भारतीय पुलिस सेवा में हुआ और उन्हें उत्तराखंड कैडर आवंटित किया गया।
प्रमुख नियुक्तियां और पदभार
एएसपी/यूटी देहरादून – दिसम्बर 2015 से जून 2016,एएसपी ऊधमसिंह नगर/सीओ सिटी रुद्रपुर – जून 2016 से मई 2017, एएसपी पौड़ी गढ़वाल/सीओ श्रीनगर – मई 2017,एएसपी देहरादून/सीओ ऋषिकेश – जून 2017 से जनवरी 2018,जनवरी 2018 में उन्हें पुलिस अधीक्षक (SP) के पद पर पदोन्नत किया गया।एसपी के रूप में कार्यकाल एसपी ट्रैफिक/क्राइम, हरिद्वार – जनवरी 2018 से नवम्बर 2019,एसपी, जिला चमोली,कमांडेंट, आईआरबी-2 हरिद्वार / एसपी जीआरपी, उत्तराखंड – दिसम्बर 2019 से सितम्बर 2021,कमांडेंट, 40वीं बटालियन पीएसी हरिद्वार / एसपी जीआरपी – सितम्बर 2021 से दिसम्बर 2021,सीनियर सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (SSP), जिला अल्मोड़ा – दिसम्बर 2021 से मार्च 2022,एसएसपी, जिला ऊधमसिंह नगर – मार्च 2022 से अक्टूबर 2024 एसपी सिक्योरिटी, इंटेलिजेंस मुख्यालय, देहरादून, अक्टूबर 2024 से अक्टूबर 2025
उल्लेखनीय उपलब्धियां –डॉ. मंजुनाथ टी.सी. ने अपने कार्यकाल के दौरान कई अहम उपलब्धियां हासिल कीं।वे देहरादून और हरिद्वार जिले में बहु-करोड़वाली छात्रवृत्ति घोटाले के SIT प्रमुख रहे।
इस घोटाले में 200 करोड़ रुपये से अधिक की अनियमितताओं का पर्दाफाश करते हुए उन्होंने 100 से अधिक एफआईआर दर्ज करवाईं, सैकड़ों आरोपियों को गिरफ्तार करवाया और बड़ी संख्या में चार्जशीट दाखिल कीं।
वर्ष 2021 में हरिद्वार कुंभ मेले के दौरान उन्होंने एसपी कुंभ/अखाड़ा के रूप में उत्कृष्ट प्रबंधन और कानून-व्यवस्था कायम रखी। उनकी कुशल नेतृत्व क्षमता, ईमानदार छवि और संवेदनशील प्रशासनिक दृष्टिकोण के कारण वे उत्तराखंड पुलिस में एक प्रेरणास्रोत अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं।
