रिपोर्ट, मतलुब अहमद
उत्तराखंड, उत्तराखण्ड में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में राज्य के विकास, कृषि, कौशल विकास, रोजगार, और पर्यटन पर गहन चर्चा की गई।
“चतुर्थ सत्र: कृषि और ग्राम्य विकास”कृषि एवं ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा, “उत्तराखण्ड आंदोलन के दौरान हम कोदा-झिंगोरा खाने की बात करते थे, लेकिन अब समय बदल गया है। अब हमारा नारा है- ‘कोदा-झिंगोरा उगाएंगे, उत्तराखण्ड को आगे बढ़ाएंगे।'” उन्होंने राज्य की 40% खेती को जैविक बताते हुए इसे 50% तक ले जाने का लक्ष्य रखा।
जोशी ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मिलेट्स (अन्नाज) को बढ़ावा देने के लिए राज्य में अनुकूल परिस्थितियां हैं। उन्होंने नई तकनीकों के प्रयोग से 2027 तक कृषि उत्पादन को दोगुना करने की योजना प्रस्तुत की।
सचिव दीपेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि काशीपुर में 40 एकड़ भूमि पर एरोमा पार्क स्थापित किया जा रहा है, और एरोमा वैली पॉलिसी शीघ्र ही लागू होगी। कीवी उत्पादन मिशन मोड में लाने की भी योजना है।
किसान बलबीर सिंह कांबोज ने बताया कि वह 18 एकड़ में फूलों की खेती करते हैं और उत्तराखण्ड की जलवायु इसके लिए आदर्श है। उन्होंने प्लास्टिक के फूलों पर रोक लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मधुमक्खी पालन व्यवसायी अतर सिंह कैंत्यूरा ने कहा कि उत्तराखण्ड के जंगल मधुमक्खी पालन के लिए उपयुक्त हैं और यहां देश का पहला मधुमक्खी बॉक्स बना था।
“तृतीय सत्र: कौशल विकास और रोजगार”इस सत्र में उच्च शिक्षा सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि आईटीआई में उद्योगों की जरूरत के अनुसार रोजगारपरक पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं।
यूएई से आए प्रवासी गिरीश पंत ने विदेश में रोजगार की संभावनाओं और चुनौतियों पर बात की। उन्होंने युवाओं को स्किल के साथ-साथ संबंधित देश के नियमों की जानकारी देने पर जोर दिया। कौशल विकास विभाग की कोऑर्डिनेटर चंद्रकांता ने बताया कि उत्तराखण्ड सरकार युवाओं को विदेश में रोजगार के लिए प्रशिक्षण दे रही है। जापान, जर्मनी और ब्रिटेन में रोजगार के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर आजम खान ने उत्तराखण्ड में स्टार्टअप की संभावनाओं पर प्रकाश डाला और प्रवासी समुदाय की सहायता से स्टार्टअप के लिए मजबूत ईको सिस्टम बनाने की बात की।
“द्वितीय सत्र: पर्यटन विकास”
पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने कहा कि कोविड-19 के बावजूद चार धाम यात्रा में रिकॉर्ड श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। शीतकालीन यात्रा और साहसिक पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
ताज ग्रुप के जीएम मनोज मिश्रा ने कहा कि उनके ग्रुप के 17 होटल उत्तराखण्ड में हैं और वे सतत विकास व स्थानीय रोजगार को प्राथमिकता दे रहे हैं।एस्ट्रो टूरिज्म पर बात करते हुए स्टारकैप्स के मेंटर अमिताभ पांडेय ने कौसानी में नक्षत्र सभा की स्थापना और उसके अनुभव साझा किए।
राजस एयरोस्पोर्ट्स के सीईओ मनीष सैनी ने हेली सेवा के माध्यम से हिमालय दर्शन की सफलता की चर्चा की और जल्द ही जायरो एक्सपेडिशन शुरू करने की योजना बताई।
जापान से आए भुवन तिवारी ने बताया कि जापान में उत्तराखण्डी संचालित कंपनियां सक्रिय हैं। उन्होंने जापानी पर्यटकों को उत्तराखण्ड के पहाड़ी इलाकों तक आकर्षित करने के प्रयासों पर जोर दिया।
“सत्र का समापन'”
आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एके त्रिपाठी ने उत्तराखण्ड को आयुष राज्य बताते हुए वेलनेस और योगा के क्षेत्र में प्रगति की चर्चा की। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश को “वर्ल्ड कैपिटल ऑफ योगा” और “वर्ल्ड सिटी ऑफ वेलनेस” घोषित किया गया है।
सम्मेलनमें सभीप्रवासी उत्तराखण्डियों और अतिथियों का स्वागत और सम्मान किया गया। इस आयोजन ने उत्तराखण्ड के विकास के विभिन्न आयामों पर गहन चर्चा का मंच प्रदान किया और राज्य की प्रगति के लिए एक नया मार्ग प्रशस्त किया।