कॉर्बेट रिजर्व के खिलाफ गुस्से में ग्रामीण, आंदोलन तेज करने का निर्णय

रामनगर,हिन्दी न्यूज़।संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले ग्राम सांवल्दे पूर्वी में आयोजित महापंचायत में बड़ी संख्या में ग्रामीणों और जन प्रतिनिधियों ने भाग लिया। महा पंचायत में जंगली जानवरों के बढ़ते हमलों और प्रशासन की लापरवाही को लेकर कार्रवाई तेज करने का निर्णय लिया गया। इसमें खासकर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने, मृतकों के परिजनों को मुआवजा और नौकरी देने तथा टाइगर रिजर्व की धारण क्षमता से अधिक हिंसक जानवरों को हटाने जैसी मांगें उठाई गईं।

महापंचायत में सर्वसम्मति से तय किया गया कि 5 मार्च को कोतवाली के सामने प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शन का उद्देश्य कॉर्बेट रिजर्व प्रशासन के अधिकारियों पर लापरवाही का मुकदमा दर्ज कराने की मांग को लेकर दबाव बनाना है। ग्रामीणों ने कहा कि टाइगर के हमले में मारे गए प्रेम राम की विधवा को नौकरी दी जाए और टाइगर के हमले में घायल गणेश का सरकारी खर्च पर इलाज कराया जाए।

महापंचायत में इस बात पर रोष जताया गया कि फरवरी माह में पार्क प्रशासन ने 55 ग्रामीणों के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज किए हैं। ग्रामीणों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि इन मुकदमों के आधार पर किसी भी ग्रामीण की गिरफ्तारी की गई, तो बड़ी संख्या में ग्रामीण भी सामूहिक रूप से गिरफ्तारियां देंगे।

मृतक प्रेम राम की पत्नी को नौकरी दी जाए।टाइगर के हमले में घायल गणेश का सरकारी खर्च पर इलाज कराया जाए।ग्रामीणों पर लगाए गए फर्जी मुकदमे वापस लिए जाएं।कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से उसकी धारण क्षमता से अधिक टाइगर और हिंसक जानवर हटाए जाएं।मृतकों को 25 लाख और घायलों को 10 लाख का मुआवजा दिया जाए।

महापंचायत के दौरानजनप्रतिनिधियों से तत्काल समाधान की मांग की गई। वक्ताओं ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा।

कार्यक्रम का संचालन तारा बेलबाल और महेश जोशी ने संयुक्त रूप से किया। सभा को समिति के संयोजक ललित उप्रेती, महिला एकता मंच की ललिता रावत, भाकपा-माले हल्द्वानी के कैलाश पांडे, एडवोकेट पूरन पांडे, त्रिशांत सिमलई, नवीन अधिकारी, उप्पा नेता प्रभात ध्यानी, इंकलाबी मजदूर केंद्र के रोहित रुहेला, समाजवादी लोक मंच के मुनीष कुमार, किसान नेता आनंद सिंह, पीसी जोशी, सोबिया, केसर राणा, भुवन आर्य आदि ने संबोधित किया।

 कवि गिरीश चंद्र बौड़ाई की कविताओं और आइसा छात्रों के गीतों ने जनता में जोश भर दिया। कार्यक्रम में प्रेमराम, पुष्कर दुर्गापाल, निशांत पपनै, गिरीश आर्य, बालम थापा, सुखबिंदर सिंह, गीता आर्य, विमला देवी, माया नेगी समेत कई गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने भाग लिया।

ग्रामीणों ने साफ कर दिया है कि वे अब अपने हक की लड़ाई आर-पार की तर्ज पर लड़ेंगे। 5 मार्च को कोतवाली के समक्ष प्रदर्शन और कॉर्बेट टाइगर रिजर्व निदेशक का घेराव उनके आंदोलन की दिशा तय करेगा। यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो संघर्ष और तेज होगा।

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