♦हिन्दी न्यूज़,नई दिल्ली/तेहरान: ईरान और अमेरिका के बीच तनाव एक बार फिर गहराता जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान के खिलाफ दी गई धमकी के बाद, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनेई ने कड़े शब्दों में जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि अमेरिका ने बमबारी जैसी कोई कार्रवाई की, तो ईरान उसे कड़ा झटका देगा।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि अगर ईरान नए परमाणु समझौते पर सहमत नहीं होता, तो अमेरिका उस पर सैन्य कार्रवाई कर सकता है। ट्रंप ने यह भी कहा कि ईरान के पास केवल दो महीने का समय है, वरना परिणाम गंभीर होंगे। इस बयान के बाद मध्य-पूर्व में एक नया संकट खड़ा हो गया है।
ईरान के सर्वोच्च नेता खमेनेई ने ट्रंप की धमकी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “अमेरिका यह न सोचे कि वह हमें धमकाकर झुका सकता है। यदि उसने कोई गलत कदम उठाया, तो उसे ऐसा झटका मिलेगा जिसे वह कभी भूल नहीं पाएगा।” ईरान के सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित इस बयान में खमेनेई ने अमेरिका को आगाह किया कि उनकी सेना और रक्षा प्रणाली पूरी तरह तैयार है।
ईरान ने ट्रंप के बयान को लेकर संयुक्त राष्ट्र में शिकायत दर्ज कराई है। स्विट्जरलैंड के दूतावास के माध्यम से अमेरिका को एक आधिकारिक पत्र भेजा गया, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान को “गैर-जिम्मेदाराना और भड़काऊ” बताया गया। ईरान के विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर कहा कि वे किसी भी प्रकार की उकसावे वाली कार्रवाई का जवाब देने के लिए तैयार हैं।
ईरान के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने भी इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपनाया है। उन्होंने कहा, “अमेरिका अगर सोच रहा है कि धमकी देकर हमें वार्ता के लिए मजबूर कर सकता है, तो वह गलतफहमी में है। हम प्रत्यक्ष वार्ता नहीं करेंगे, लेकिन मध्यस्थों के माध्यम से बात करने को तैयार हैं।” उनके इस बयान से यह संकेत मिलता है कि ईरान, अमेरिका से सीधे बातचीत करने के बजाय अन्य देशों की मदद से कोई समाधान निकालना चाहता है।
इस पूरे विवाद के बीच अमेरिका ने अपने बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स को ईरान के पासवर्ती इलाकों में तैनात कर दिया है। दूसरी ओर, ईरान ने भी अपनी मिसाइलों को अलर्ट मोड में डाल दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि दोनों देशों के बीच यह तनाव जारी रहता है, तो यह मध्य-पूर्व में एक बड़े सैन्य टकराव का रूप ले सकता है।
इस विवाद के बढ़ने के बाद रूस और चीन जैसे देशों ने अमेरिका से संयम बरतने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने भी इस मसले को शांतिपूर्ण वार्ता के जरिए हल करने का सुझाव दिया है। यूरोपीय संघ ने भी दोनों पक्षों से किसी भी प्रकार की सैन्य कार्रवाई से बचने का आग्रह किया है।
गौरतलब है कि ईरान और अमेरिका के बीच यह ताजा तनाव विश्व राजनीति के लिए एक अहम मोड़ साबित हो सकता है। अगर दोनों देश अपने रुख पर अड़े रहते हैं, तो इसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था और सुरक्षा पर भी पड़ सकता है। अब देखने वाली बात होगी कि आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच वार्ता का कोई नया रास्ता खुलता है या यह तनाव और बढ़ता है।