काठमांडू, हिंदी न्यूज़ नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ युवाओं का गुस्सा हिंसक रूप ले चुका है। देशभर में विशेष रूप से Gen Z युवाओं द्वारा किए जा रहे प्रदर्शनों ने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। प्रदर्शनकारी फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर लगे प्रतिबंध को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इस दौरान पुलिस की गोलीबारी में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 145 लोग घायल हुए हैं। घायल लोगों में 28 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।

♦संसद भवन में घुसे प्रदर्शनकारी
कर्फ्यू लागू होने के बावजूद प्रदर्शनकारी राजधानी काठमांडू में संसद भवन के अंदर तक घुसने में सफल रहे। इसके बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा, जिसमें गोलीबारी और लाठीचार्ज शामिल था। स्थिति को काबू में करने के लिए राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।
♦सोशल मीडिया पर प्रतिबंध ने भड़काई आग
नेपाल सरकार द्वारा फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब सहित कई प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाए जाने से युवाओं में गहरा आक्रोश फैल गया। लोगों का आरोप है कि यह कदम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है। वहीं, मानवाधिकार संगठन सरकार की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा कर रहे हैं।
♦राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी
प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली की वामपंथी सरकार पर तानाशाही का आरोप लग रहा है। वहीं, पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के समर्थकों ने भी राजशाही को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। देश की राजनीतिक स्थिति अस्थिर होती जा रही है।
♦अंतरराष्ट्रीय चिंता
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नेपाल की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की गई है। मानवाधिकार संगठनों ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई की निंदा की है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा की मांग की जा रही है।
