भवाली,हिंदी न्यूज़ नैनीताल जिले के भवाली थाना क्षेत्र के नगारी गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक बेटे ने अपने ही पिता की डंडे और लोहे के पट्टे से पीट-पीटकर हत्या कर दी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मामला दर्ज कर जेल भेज दिया है। इस घटना ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है।
पुलिस को 6 सितंबर 2025 को डायल 112 के माध्यम से सूचना मिली कि नगारी गांव में एक व्यक्ति ने अपने पिता के साथ मारपीट की है। सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए भवाली पुलिस मौके पर पहुंची। वहां मौजूद मृतक की भतीजी रीना सदा शंकर और अन्य परिजनों ने बताया कि सचिन सदा शंकर (उम्र 30 वर्ष) ने गुस्से में आकर अपने पिता राजकुमार सदा शंकर (उम्र 65 वर्ष) की बेरहमी से पिटाई की, जिसके परिणाम स्वरूप उनकी मृत्यु हो गई।

पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी सचिन को मौके से ही हिरासत में ले लिया। परिजनों और पड़ोसियों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लिया और आरोपी को भागने का कोई अवसर नहीं दिया। घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया, जिसने हत्या में इस्तेमाल हुए खून से सने बांस के डंडे और लोहे के पट्टे को जब्त किया। मृतक के शव को पंचायत नामे की कार्रवाई के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
मृतक की भतीजी रीना सदा शंकर की तहरीर के आधार पर भवाली थाने में आरोपी सचिन सदा शंकर के खिलाफ FIR कर मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
पुलिस पूछताछ में आरोपी सचिन ने बताया कि वह अपने पिता राजकुमार सदा शंकर का इकलौता बेटा है और उनके साथ मकान के एक हिस्से में रहता था। उसने बताया कि वर्ष 2016 में उसकी मां की मृत्यु हो गई थी, जिसके लिए वह अपने पिता की लापरवाही को जिम्मेदार मानता था। इसके अलावा, उसके पिता बेरोजगार थे और उसे बार-बार खर्चों को लेकर ताने मारते थे।
घटना से पहले भी राजकुमार ने सचिन से 40 हजार रुपये के खर्च का हिसाब मांगा था, जिसके कारण दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। गुस्से में आकर सचिन ने बांस के डंडे और लोहे के पट्टे से अपने पिता पर हमला कर दिया, जिससे उनकी मृत्यु हो गई।
इस मामले में भवाली पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की जा रही है। पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक प्रकाश सिंह मेहरा, उपनिरीक्षक राजवीर नेगी, ASI लेखराज कंबोज, कॉन्स्टेबल संजय कुमार और कॉन्स्टेबल रमेश कुमार शामिल थे। पुलिस ने न केवल आरोपी को तुरंत हिरासत में लिया, बल्कि घटनास्थल से साक्ष्य संकलन और अन्य कानूनी कार्रवाइयों को भी समयबद्ध तरीके से पूरा किया।
इस घटना ने नगारी गांव में शोक और आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। पड़ोसियों और परिजनों का कहना है कि राजकुमार सदा शंकर एक साधारण और शांत स्वभाव के व्यक्ति थे। उनके अपने बेटे द्वारा इस तरह की निर्मम हत्या ने सभी को झकझोर कर रख दिया है।
यह घटना एक बार फिर पारिवारिक विवादों और मानसिक दबाव के गंभीर परिणामों को उजागर करती है। समाजशास्त्रियों का मानना है कि आर्थिक तनाव, पारिवारिक कलह और संवाद की कमी ऐसी घटनाओं को जन्म दे सकती है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सामुदायिक जागरूकता और परामर्श सेवाओं की आवश्यकता पर बल दिया जा रहा है।
पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है कि न्याय प्रक्रिया में कोई कमी न रहे। स्थानीय प्रशासन ने भी गांव में शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं।
इस घटना ने न केवल एक परिवार को तोड़ा है, बल्कि समाज को यह सोचने पर मजबूर किया है कि रिश्तों में विश्वास और संवाद की कमी कितने भयावह परिणाम ला सकती है।

