रामनगर ,हिंदी न्यूज । सांप्रदायिकता के खिलाफ भाईचारा और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने के अभियान को आगे बढ़ाते हुए रामनगर क्षेत्र के विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक और नागरिक संगठनों ने आगामी 6 नवंबर को रामनगर तहसील परिसर में चार सूत्रीय मांगों को लेकर सामूहिक उपवास की घोषणा की है। यह निर्णय व्यापार भवन में आयोजित एक संयुक्त बैठक में लिया गया, जिसमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ता, महिलाएं और युवा शामिल हुए।

बैठक में वक्ताओं ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि विगत 23 अक्टूबर को बैल पड़ाव एवं छोई क्षेत्र में बड़े का मीट लेकर आ रहे वाहन चालक नासिर और उनके साथियों पर जानलेवा हमला किया गया था। हमलावरों को भाजपा समर्थित गुंडा तत्व बताया गया। संगठनों ने शासन-प्रशासन के समक्ष ज्ञापन सौंपकर तत्काल कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद अपेक्षित कदम नहीं उठाए गए हैं।
अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि उनकी प्रमुख मांगें जिसमे नासिर और अन्य पर हमला करने वाले भाजपा समर्थित गुंडा तत्वों को तुरंत गिरफ्तार किया जाये लगातार हेट स्पीच देकर सामाजिक माहौल बिगाड़ रहे भाजपा नेता मदन जोशी और अन्य के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए कानूनी कार्रवाई की जाए। हमले में घायल हुए वाहन चालक नासिर को 10 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान किया जाए, साथ ही उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए भाजपा से जुड़े असमाजिक तत्वों द्वारा किसी भी व्यक्ति की आईडी या वाहन की चेकिंग पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए।हालांकि, दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी की सूचना पर संगठनों ने स्वागत किया, लेकिन इसे अपर्याप्त बताते हुए कहा कि पूर्ण न्याय तक आंदोलन जारी रहेगा।

बैठक में उत्तराखंड उच्च न्यायालय की 29 अक्टूबर की सुनवाई का जिक्र करते हुए वक्ताओं ने कहा कि न्यायालय ने पुलिस प्रशासन को माब लिंचिंग मामले में तहसीन पूनावाला केस के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया है। इसके तहत प्रत्येक जिले में नोडल अधिकारी की नियुक्ति, पीड़ित को मुआवजा, सुरक्षा और अन्य प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। वक्ताओं ने प्रशासन से इन निर्देशों का तत्काल पालन करने की मांग की।
बैठक में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर गहरी चिंता जताई गई। विशेष रूप से रामनगर में हाल ही में हुई गैंगरेप की घटना की कड़े शब्दों में निंदा की गई। महिला संगठनों की प्रतिनिधियों ने कहा कि ऐसी घटनाएं समाज में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर रही हैं, जिसके खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करना होगा।
वक्ताओं ने रामनगर क्षेत्र की अमन पसंद और इंसाफ चाहने वाली जनता से जाति, धर्म और राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर भाईचारा और न्याय स्थापित करने के आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल होने की भावुक अपील की। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन केवल एक समुदाय का नहीं, बल्कि पूरे समाज की एकता और लोकतंत्र की रक्षा का प्रतीक है।
बैठक में समाजवादी लोक मंच के मुनीष कुमार, कैसर राना, जिशान कुरेशी, जगमोहन रावत, मौ. नबी अंसारी; इंकलाबी मजदूर केंद्र के रोहित रुहेला; महिला एकता मंच की सरस्वती जोशी; प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की तुलसी छिंबाल; उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के मौ. आसिफ, लालमणि, जावेद खान, अबरार हुसैन, दानिश सिद्दीकी, अयान, शोएब कुरेशी, अकरम, अकीब सैफी, आदिल खान, शोएब राजा, असलम, अरहान, समीर अंसारी सहित कई अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
संगठनों ने चेतावनी दी कि यदि 6 नवंबर तक मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। रामनगर में तनावपूर्ण माहौल के बीच यह उपवास शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित किया जाएगा, लेकिन न्याय की लड़ाई अंतिम सांस तक जारी रहेगी।
