पहले विकल्प तलाशे फिर हटाये अतिक्रमण रेलवे बनाम बनभूलपुरा । सुप्रीम कोर्ट

 रिपोर्ट मतलुब अहमद

हल्द्वानी  बहुचर्चित रेलवे, राज्य सरकार बनाम बनभूलपुरा प्रकरण में बुधवार को सुप्रीमकोर्ट में बेहद अहम सुनवाई हुई। करीब पौन घंटे बहस चली। 11 जनहित याचिकाओं पर जस्टिस उज्जवल भुयान, अरविंद कुमार तथा दीपांकर दत्ता की बैंच ने सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं की ओर से वकीलों में दिग्गज अधिवक्ता सलमान खर्शीद, सिद्धार्थ लूथरा, कॉलिन गॉन्जालवेज ने पक्ष रखा।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

सारे मामलों की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वहां लोग हजारों सालों से रह रहे हैं । जिसे एक झटके में नहीं हटाया जा सकता क्योंकि अदालतें निर्दयी नही हो सकती । वह भी इंसान है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने पर रोक लगा दी है । और सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से जवाब मांगा है कि अगर वह वहां पर रेलवे स्टेशन बनाना चाहते हैं तो रेलवे स्टेशन बनाने की कितनी जमीन की आवश्यकता है। और कितने परिवार इससे बेदखल होंगे व उनके विस्थापन की क्या व्यवस्था है ।

उत्तराखंड सरकार को वहां पर रह रहे तमाम जनता की पुनर्वास की क्या व्यवस्था है  । इसका जवाब चार हफ्तों में पुनर्वास स्कीम बनाकर सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराऐ। सुप्रीम कोर्ट ने अगली तारीख 11 सितंबर को सुनवाई करेंगे । लेकिन इससे पहले वहां पर रह रहे लोगों को किसी और जगह पर व्यवस्थित करने के लिए एक मेगा प्लान बनाए। देखा गया है कि दशकों से एक जगह पर रहने वालों वाले लोगों का एक राइट मैच्योर हो जाता है। क्योंकि लंबे समय से उत्तराखंड सरकार यह कह रही है कि वहां के लोगों को व्यवस्थित किया जा रहा है । वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को एक टाइम लाइन दे दिया है कि चार सप्ताह का वक्त दिया है कि वह मास्टर प्लान बनाएं और सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराये जाने का निर्देश दिया है  । 

सर्वोच्च न्यायालय ने रेलवे से कहा कि रेलवे को अगर जमीन की जरूरत है तो जनहित याचिका का सहारा क्यों ले रही है । सूत्रों की माने तो रेलवे को कोई भी जमीन की आवश्यकता नहीं है। रेलवे ने कभी भी कोई याचिका दायर नहीं की केवल रविशंकर जोशी ही बार-बार इस मामले को लेकर याचिका दायर करता रहता है । जबकि आज की सुनवाई में भी रेलवे ने अपना कोई भी प्लान नहीं दिया ।

जमीयत उलेमा ए  हिंद के नैनीताल अध्यक्ष मौलाना मुकीम कासमी ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि रेलवे बनाम जनता की जमीन को लेकर जमीयत हिंद लगातार नजर रखे हुए हैं। और अगली सुनवाई 11 सितंबर को है ।यह सुनवाई बेहद अहम हो सकती है। और अगली सुनवाई पर इस पूरे मामले में एक अहम फैसला आ सकता है

 

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