उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम :यूसीसी लागू करने वाला पहला प्रदेश बनेगा:

मतलुब अहमद

देहरादून:उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जहां विशेषज्ञ समिति ने इसके नियमावली का ड्राफ्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को  सौंपा है।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह  यह उत्तराखंडवासियों के लिए गर्व का विषय है क्योंकि राज्य इस संहिता को लागू करने वाला पहला प्रदेश बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यहभी बयान दिया है कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने का वादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में 12 फरवरी 2022 के आम चुनाव से पहले किया गया था। इस वादे को पूरा करने की दिशा में 7 फरवरी 2024 को उत्तराखंड विधानसभा में विधेयक पारित कर दिया गया।

 उन्होंने बताया कि प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था, और 12 मार्च 2024 को राष्ट्रपति की अनुमति मिलने के बाद इसे लागू करने के लिए क्रियान्वयन कमेटी भी बनाई गई है। मुख्यमंत्री धामी ने यह भी कहा कि राज्य में यूसीसी लागू करने की तारीख न्याय विभाग और सभी संबंधित पक्षों से परामर्श के बाद घोषित की जाएगी।

 मुख्यमंत्री ने मातृशक्ति के सशक्तिकरण की भी बात की और कहा कि यह कानून महिलाओं के लिए सुरक्षा और सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। उन्होंने विश्वास जताया कि यह कानून अन्य राज्यों के लिए भी एक आदर्श के रूप में काम करेगा, जहां समान नागरिक संहिता लागू की जा सकती है।

 इस नियमावली में विवाह, विवाह-विच्छेद, लिव-इन रिलेशनशिप, जन्म-मृत्यु पंजीकरण और उत्तराधिकार से संबंधित नियमों को स्पष्ट किया गया है। इसके साथ ही, जन सामान्य की सुविधा के लिए एक पोर्टल और मोबाइल ऐप भी तैयार किया गया है, जो पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाएगा।

 समान नागरिक संहिता के लागू होने से राज्य के सभी नागरिकों को समान कानूनी अधिकार प्राप्त होंगे। विशेष रूप से, इस संहिता से महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद मिलेगी, जिससे वे अधिक स्वतंत्र और सशक्त बन सकेंगी।

क्या।है समान नागरिक संहिता यूसीसी

 समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code – UCC) एक ऐसी विधि है जो देश के सभी नागरिकों के लिए समान कानूनों का प्रावधान करती है, चाहे उनका धर्म, जाति या लिंग कुछ भी हो। इसका उद्देश्य व्यक्तिगत कानूनों को एकीकृत करना है, जो वर्तमान में विभिन्न धर्मों के आधार पर भिन्न होते हैं। इसमें विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, गोद लेने, और अन्य सामाजिक मामलों से जुड़े कानून शामिल होते हैं।

 उत्तराखंड में UCC लागू करने की प्रक्रिया की शुरुआत हो चुकी है, और यह राज्य देश का पहला राज्य बनने जा रहा है, जो इस संहिता को लागू करेगा।

 

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