रिपोर्ट:मतलुब अहमद
फॉलोअप : हल्द्वानी : उत्तराखंड में रिटेलर और डीलर के बीच लेन-देन में धोखाधड़ी के कई मामले सामने आ रहे हैं, जहां डीलरशिप चलाने वाले लोग रिटेलरों को ब्लैंक चेक पर ही माल दे देते हैं। अक्सर इस प्रक्रिया में डीलर, बिना लिखत के बड़ी रकम भी रिटेलर से उधार ले लेते हैं और बाद में मुकर जाते हैं। इस तरह के मामलों का परिणाम यह होता है कि रिटेलर जब हिसाब खत्म करने की बात करता है, तो डीलर उसकी ओर से दिए गए ब्लैंक चेक में मनमानी रकम भरकर बैंक में जमा कर देता है। इसके कारण कई निर्दोष रिटेलरों को आर्थिक जुर्माना और जेल की सजा भुगतनी पड़ी है।
पीड़ित नियाज अहमद स्वामी लवी इलेक्ट्रॉनिक्स
एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां हल्द्वानी निवासी नियाज अहमद स्वामी लवी इलेक्ट्रॉनिक्स रेलवे बाजार को फर्जी चेको की धोखाघड़ी में फंसा दिया गया है। बताते चले कि रुद्रपुर, उधमसिंह नगर के “गुरु मां इंटरप्राइजेज” के मालिक अभिमन्यु धींगड़ा ने नियाज़ अहमद के ब्लैंक चेक पर 【 बता दें कि अक्सर रिटेलर ब्लैंक चेक सिक्योरिटी के तौर पर होलेसलरों के पास रखते है】 ₹23,70,000 की राशि भरकर मुकदमा दायर कर दिया, जबकि नियाज़ अहमद का दावा है ,कि उनका कोई लेन-देन बाकी नहीं था। इसके बावजूद भी इस मामले में नियाज़ अहमद को एक साल की जेल और ₹ 30,00,000 का आर्थिक जुर्माना भुगतना पड़ा।
जब पीड़ित ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी निकाली तो पता चला कि जिन पाँच बिलों के आधार पर यह मुकदमा दर्ज किया गया था, वे बिल वास्तव में अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों के नाम थे, न कि “लवी इलेक्ट्रॉनिक्स” के। उदाहरणस्वरूप, बिल नंबर 5161 “मक्कड़ इंटरप्राइजेज, दिनेशपुर” के नाम था, जबकि इसे न्यायालय में “लवी इलेक्ट्रॉनिक्स” के देनदार के रूप में प्रस्तुत किया गया था। यह साफ तौर पर धोखाधड़ी का मामला प्रतीत होता है, जो न केवल कानूनी रूप से अपराध है, बल्कि उत्तराखंड माल और सेवा कर अधिनियम 2017 और उत्तराखंड मूल्य वर्धित कर अधिनियम 2005 के तहत भी दंडनीय है।
पीड़ित नियाज़ अहमद का कहना है, “मेरी कोई बकायेदारी नहीं थी। मैंने कई बार इन लोगों से अपना ब्लैंक चेक मांगा, लेकिन हर बार बहाना बना दिया गया। नियाज अहमद ने बताया की जब मैं सऊदी अरब गया था, तो गुरु मां ने मनमानी रकम भरकर चेक जमा कर दिया।”दूसरे शब्दों में कहें तो 2016 में गुरूमा ने स्टेट टैक्स को कहा कि इन 5 बिल के थ्रो मक्कड़, भगवती, कुमार, डिजिटल वर्ल्ड, लाइट एंड म्यूजिक को माल गया है और 2021 में कोर्ट से कहा कि इन्ही 5 बिल के थ्रो लवी इलैक्ट्रॉनिक्स को माल सप्लाई किया गया है।
2016 में स्टेट टैक्स विभाग को दिए गए बयान में गुरूमा ने बताया था कि 5 बिलों के माध्यम से मक्कड़, भगवती, कुमार, डिजिटल वर्ल्ड, और लाइट एंड म्यूजिक को माल सप्लाई किया गया था। इस बयान को सत्यापित करने के बाद स्टेट टैक्स विभाग ने इसे सच पाया। लेकिन, 2021 में जब यही मामला कोर्ट में पहुंचा, तो गुरूमा ने एक अलग बयान दिया। उन्होंने दावा किया कि उन्हीं 5 बिलों के जरिए लवी इलैक्ट्रॉनिक्स को माल सप्लाई किया गया था।
स्टेट टैक्स की जांच में पाया गया कि 2016 में इन्होने सच बोला था और 2021 में इन्होंने कोर्ट में झूठ बोला है। इसीलिये crpc 340 दायर की गई
स्टेट टैक्स विभाग की जांच में खुलासा हुआ कि 2016 में दिया गया बयान सत्य था, जबकि 2021 में कोर्ट में दिया गया बयान झूठा निकला।
इस मामले में सीआरपीसी की धारा 340 के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है, जिसमें गुरु मॉ इंटरप्राइजेज पर झूठे बयान और दस्तावेज़ों के गलत उपयोग का आरोप है। इस मामले पर अभिमन्यु धींगड़ा से भी प्रतिक्रिया मांगी गई,थी लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
इस विषय पर मार्च 2024 में नियाज अहमद द्वारा की गई शिकायत को स्टेट टैक्स ने सही पाया और जांच उपरान्त अभिमन्यु ढींगरा – गुरु मॉ इंटरप्राइजेज पर प्रति बिल 10 हजार के हिसाब से कुल पचास हजार रुपए जुर्माना लगा दिया
यह मामला अब न्यायालय के समक्ष और यदि गुरूमॉ दोषी साबित होता हैं, तो उसे गंभीर कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।
इस धोखाधड़ी के खिलाफ उच्चस्तरीय जांच की आवश्यकता है, ताकि ऐसे गोरखधंधे को रोका जा सके और निर्दोष व्यापारियों को न्याय मिल सके।