♦मतलुब अहमद
रामनगर : ग्राम पूछड़ी में गैरकानूनी तरीके से बिजली कनेक्शन काटे जाने के खिलाफ संयुक्त संघर्ष समिति ने विद्युत उपखंड कार्यालय पर प्रदर्शन किया। उन्होंने तत्काल बिजली कनेक्शन बहाल करने की मांग की और अधिशासी अभियंता को ज्ञापन सौंपकर कनेक्शन काटने में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों पर न्यायालय की अवमानना एवं कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी।
उपखंड कार्यालय पर धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि 13 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाते हुए स्पष्ट किया था कि कार्यपालिका को अपनी शक्तियों का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए और न्यायिक प्रक्रिया का पालन करना चाहिए। इसके बावजूद, वन और विद्युत प्रशासन ने कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना लोगों के बिजली कनेक्शन काटकर उन्हें अंधकार में धकेल दि
ग्रामीणों ने कहा कि पूछड़ी बेदखली को लेकर वन संरक्षक कार्यालय, हल्द्वानी में उनकी अपील लंबित है और उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। इसके बावजूद बिजली विभाग द्वारा की गई कार्रवाई न्यायालय के आदेशों और कानूनों का उल्लंघन है।
ग्रामीणों ने दावा किया कि वे इस क्षेत्र में पांच पीढ़ियों से रह रहे हैं। वनाधिकार कानून, 2006 के तहत तीन पीढ़ियों से वन भूमि पर निवास करने वाले लोगों को सामूहिक और व्यक्तिगत अधिकार दिया गया है। उन्होंने मांग की कि पूछड़ी को भी बिंदुखत्ता की तरह राजस्व ग्राम बनाया जाए।
संघर्ष समिति के साथ वार्ता के बाद अधिशासी अभियंता और एसडीओ ने सभी ग्रामीणों के घरों में विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी।
इस कार्यक्रम में संयोजक ललित उप्रेती, उपपा नेता प्रभात ध्यानी, मौ. आसिफ, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की तुलसी छिंबाल, समाजवादी लोक मंच के मुनीष कुमार, महिला एकता मंच की सरस्वती, कौशल्या, सीमा तिवारी, धना देवी, दुर्गा, अंजलि, आइसा के सुमित और साहिस्ता सहित बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया।