मतलुब अहमद
हल्द्वानी। कुमाऊं मंडल में धार्मिक और कृषि प्रयोजन के लिए ली गई भूमि का गलत उपयोग कर होटल, रिसॉर्ट और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में बदलने पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने इस संबंध में मंडल के सभी जिलाधिकारियों को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने और नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
कुमाऊं के विभिन्न जिलों में भूमि उपयोग उल्लंघन के कुल 143 मामले सामने आए हैं। इनमें नैनीताल जिले में 74, अल्मोड़ा में 24, ऊधम सिंह नगर में 41, और बागेश्वर में 4 मामले पाए गए हैं। आयुक्त ने निर्देश दिए कि कृषि प्रयोजन के लिए ली गई भूमि का उपयोग केवल कृषि के लिए होना चाहिए। किसी भी प्रकार का व्यावसायिक उपयोग नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसे मामलों में संबंधित भूमि को राज्य सरकार के अधीन लेने की कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में बाहरी व्यक्तियों द्वारा 250 वर्ग मीटर तक आवासीय भूमि क्रय करने पर प्रशासन की अनुमति अनिवार्य करने का सुझाव दिया गया। यह निर्णय इसलिए लिया गया ताकि बाहरी लोग एक ही परिवार के नाम पर कई भूखंड खरीदकर रिसॉर्ट और होटल न बना सकें। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जा सके कि भूमि का अन्यत्र दुरुपयोग न हो।
अधिकारियों ने सुझाव दिया कि भूमि उपयोग के संबंध में राज्यव्यापी नीति के बजाय जिलों की भूमि उपलब्धता और भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखकर नीतियां बनाई जाएं। जिन स्थानों पर भूमि की कमी है, वहां भूमि खरीद पर रोक लगाना आवश्यक होगा।
बैठक में अपर आयुक्त जीवन सिंह नगन्याल, मुख्य नगर आयुक्त रुद्रपुर नरेश दुर्गापाल, उपजिलाधिकारी पारितोष वर्मा, प्रमोद कुमार, रेखा कोहली सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
अधिकारियों ने भूमि कानून के क्रियान्वयन में आने वाली कठिनाइयों को सरकार तक पहुंचाने का निर्णय लिया। आयुक्त ने स्पष्ट किया कि नियमों के उल्लंघन को रोकने और प्रभावी नीति निर्माण के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
कुँमाऊं मंडल में भूमि उपयोग उल्लंघन के मामले गंभीरता से लिए जा रहे हैं। प्रशासन की सख्ती से भविष्य में कृषि और धार्मिक प्रयोजन की भूमि के दुरुपयोग को रोकने की उम्मीद की जा रही है।