मसूरी: गृह मंत्री अमित शाह ने 99वें फाउंडेशन कोर्स में युवा सिविल सेवा अधिकारियों को संबोधित किया

मतलुब अहमद

मसूरी, उत्तराखंड – केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन  के 99वें फाउंडेशन कोर्स के दीक्षांत समारोह में युवा सिविल सेवा अधिकारियों को संबोधित किया।

श्री शाह ने अधिकारियों से विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपनी भूमिका को समझने और निभाने का आह्वान किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2047 तक भारत को हर क्षेत्र में विश्व में अग्रणी बनाने के लक्ष्य का उल्लेख करते हुए इसे साकार करने के लिए अधिकारियों के योगदान को महत्वपूर्ण बताया।

 गृह मंत्री ने कहा कि सिविल सेवा में “स्व से पर” का मंत्र अपनाना आवश्यक है। उन्होंने युवा अधिकारियों को हर जिले में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग करके डेटा प्रबंधन और नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने ‘Whole of Government Approach'(समग्र सरकारी दृष्टिकोण )के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि समावेशी विकास और सामाजिक समरसता के बिना देश विकास के पथ पर आगे नहीं बढ़ सकता।

 गृहमंत्री शाह ने बताया कि इस बैच में 38% महिलाएं शामिल हैं, जो एक सकारात्मक संकेत है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की भागीदारी के बिना ‘Women-led Development'(महिला नेतृत्वत विकास )का सपना साकार नहीं होगा

गृह मंत्री ने मोदी सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए बताया कि पिछले 10 वर्षों में गरीबी रेखा से 25 करोड़ लोग बाहर निकले हैं। उन्होंने GST और Make in India जैसी योजनाओं को भारत के आर्थिक विकास की धुरी बताया।

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से भारतीय युवा वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होंगे। प्राथमिक शिक्षा को मातृभाषा में उपलब्ध कराने की पहल को बच्चों की सोचने और समझने की क्षमता बढ़ाने वाला बताया।

 शाह ने कहा कि मोदी सरकार की सख्त नीतियों के कारण देश के चार बड़े आंतरिक खतरों – आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, पूर्वोत्तर में उग्रवाद और नारकोटिक्स – पर बड़ी सफलता हासिल हुई है। उन्होंने विश्वास जताया कि 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा।

 अमित शाह ने बताया कि नए आपराधिक कानूनों से न्याय प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन होगा। अब FIR दर्ज होने के बाद तीन साल में सुप्रीम कोर्ट तक न्याय सुनिश्चित होगा। तकनीकी साधनों के उपयोग से दोष सिद्धि दर को अगले 10 वर्षों में 90% तक पहुंचाने का लक्ष्य है।

 उन्होंने युवा अधिकारियों से कहा कि चिंता की जगह चिंतन और व्यथा की जगह व्यवस्था को अपनाकर समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है। योग और ध्यान को नित्यक्रम में शामिल करने का सुझाव देते हुए उन्होंने मिड-टर्म रिव्यू और निरंतर फ़ॉलो-अप पर बल दिया।

 

मोटिवेशन  समारोह में गृह मंत्री ने अधिकारियों को विकास और विरासत दोनों के प्रति गर्व की भावना के साथ काम करने का संदेश दिया।

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