मतलुब अहमद
हल्द्वानी: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ हल्द्वानी के एम.बी. इंटर कॉलेज मैदान में रविवार को एक विशाल रैली का आयोजन किया गया। यह रैली राष्ट्र मानवाधिकार संगठन के नेतृत्व में आयोजित की गई, जिसमें शहर और आसपास के हजारों लोगों ने भाग लेकर अपने समर्थन और आक्रोश को व्यक्त कियारैली का मुख्य उद्देश्य बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा और भेदभाव के प्रति जागरूकता फैलाना और भारत सरकार एवं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करना था।
विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और मानवाधिकार संगठनों ने इस रैली में सक्रिय भागीदारी की। रैली में प्रदर्शनकारियों ने बैनर और पोस्टर के साथ शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज बुलंद की। रैली में कई प्रभावशाली वक्ताओं ने अपने विचार रखे और बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों की कड़ी निंदा की।
रैली के समापन पर,आयोजकों ने हल्द्वानी के एसडीएम परितोष वर्मा को ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन में निम्नलिखित मांगों को प्रमुखता से उठाया गया।
बांग्लादेशी हिंदू समुदाय को सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारत सरकार और संयुक्त राष्ट्र प्रभावी कदम उठाएं बांग्लादेश सरकार दोषियों केखिलाफ कठोर कार्रवाई करे भारत-बांग्लादेश सीमा पर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए विशेष निगरानी रखी जाए। वक्ताओं ने कहा कि यह केवल हिंदू समुदाय का मुद्दा नहीं, बल्कि मानवता की लड़ाई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि समाज के सभी वर्गों को इस मुद्दे पर एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए।
रैली के दौरान हल्द्वानी शहर में गहरी एकजुटता का माहौल देखने को मिला। स्थानीय नागरिकों ने भी रैली में शामिल होकर अपने समर्थन का प्रदर्शन किया।
यह रैली न केवल बांग्लादेश के हिंदू समुदाय के लिए एक मजबूत समर्थन संदेश थी, बल्कि यह अल्पसंख्यकों के अधिकारों और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए एकजुटता का प्रतीक बन गई।
इस रैली ने यह स्पष्ट कर दिया कि मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ आवाज उठाने के लिए सीमाएं मायने नहीं रखतीं। भारत सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अब इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल और ठोस कदम उठाने होंग
“यह रैली न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक मिसाल बनेगी। उन जगहों पर ससांर मे, जहां अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय और अत्याचार हो रहा है, यह रैली न्याय और समानता की आवाज़ को मजबूत करेगी। इसके अलावा, जो संगठन इस दिशा में कार्य कर रहे हैं, उन्हें इससे नया उत्साह और प्रेरणा मिलेगी, जो उनके प्रयासों को और प्रभावशाली बनाएगा।