मतलुब अहमद
हल्द्वानी: बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हिंसा और अत्याचारों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने आवाज बुलंद की है। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सुहैल सिद्दीकी के नेतृत्व में कांग्रेस से जुड़े अल्पसंख्यक समाज के दर्जनों प्रतिनिधियों ने महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर भारत सरकार से इस मामले में ठोस कदम उठाने की मांग की है।
सुहैल सिद्दीकी ने अपने बयान में कहा कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद उत्पन्न अराजकता की स्थिति के कारण वहां के अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं, पर हिंसक हमले हो रहे हैं। धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है, जो बेहद निंदनीय, अमानवीय और असहनीय है। उन्होंने महामहिम राष्ट्रपति से गुजारिश की है कि भारत सरकार को इस मामले में जल्द से जल्द कड़े कदम उठाने के लिए निर्देशित किया जाए ताकि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और शांति बहाल की जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके कार्यकर्ता भारत सरकार के इस दिशा में किए जाने वाले हर सकारात्मक प्रयास में समर्थन करेंगे। उन्होंने इस मुद्दे को मानवता से जोड़ते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए भारत का नैतिक दायित्व बनता है कि वह आवाज उठाए।
ज्ञापन के दौरान कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। प्रतिनिधिमंडल में पार्षद मोहम्मद गुफरान, मोहम्मद नबी, नफीस चौधरी, अरमान खान, तस्लीम अंसारी, हबीबुर रहमान अंसारी, मुर्तजा हुसैन, हसनैन खतीब, हाजी इस्लामुद्दीन, रिजवान हुसैन, जफर सिद्दीकी, अबरार हुसैन, हारून मकरानी, जुबेर मकरानी, सरफराज अहमद, अब्दुल खालिक, वसीम सैफी, शादाब अंसारी, मोहम्मद लुकमान, मोहम्मद आरिफ समेत अन्य प्रमुख नाम शामिल रहे।
प्रतिनिधिमंडल ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौंपते हुए स्पष्ट किया कि यदि इस विषय में जल्द ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। कांग्रेस के इस कदम को समाज में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है और इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।