अल्पसंख्यकों का सशक्तिकरण:सबका साथ, सबका विकास’ का दृष्टिकोण

मतलुब अहमद

नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सबका साथ, सबका विकास” के मंत्र और “सर्व पंथ समभाव” के सिद्धांत के साथ, भारत सरकार ने अल्पसंख्यकों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य न केवल अल्पसंख्यकों को सशक्त बनाना है, बल्कि भारत को एक समावेशी राष्ट्र बनाना है, जहाँ सभी को समान अवसर और अधिकार प्राप्त हों।

अल्पसंख्यक समुदाय और उनकी स्थिति

भारत में छह अधिसूचितअल्पसंख्यक समुदाय हैं—मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन, और पारसी। देश की कुल आबादी में अल्पसंख्यकों का हिस्सा 19.3% है। सरकार ने इनके विकास के लिए विशेष प्रयास करते हुए 90 अल्पसंख्यक बहुल जिलों, 710 ब्लॉकों, और 66 कस्बों की पहचान की है, ताकि उनकी आवश्यकताओं को बेहतर तरीके से पूरा किया जा सके।संस्थान और संरचनाएँ 1.अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय

29 जनवरी 2006 को स्थापित यह मंत्रालय अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए नीतियाँ बनाता और कार्यक्रमों का मूल्यांकन करता है। इसके अंतर्गत प्रमुख संस्थान जैसे राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) और केंद्रीय वक्फ परिषद (CWC) कार्यरत हैं।

2.वक्फ अधिनियम और योजनाएँ

कौमी वक्फ बोर्ड तरक्कियातीयोजना (QWBTS): वक्फ संपत्तियोंका डिजिटलीकरणऔरआधुनिकीकरण।शहरी वक्फ संपत्ति विकास योजना (SWSVY): वक्फ संपत्तियों पर व्यावसायिक परियोजनाओं का विकास। 2019-24 के बीच इन योजनाओं पर 31.03 करोड़ रुपये खर्च हुए।

3. दरगाह ख्वाजा साहब, अजमेर

यह सूफी संतख्वाजामोइनुद्दीनचिश्ती की दरगाह अल्पसंख्यकमंत्रालय के अधीन है, जहाँ सामुदायिक भोजन, चिकित्सासुविधाएँ, और शिक्षा जैसे धर्मार्थ कार्य किए जाते हैं।

शिक्षा और कौशल विकास

 शिक्षा योजनाएँ

प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना: कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों को छात्रवृत्ति।पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना: कक्षा 11 से पीएचडी तक के छात्रों के लिए। 2008-23 के बीच इन योजनाओं के तहत 803.33 लाख लाभार्थियों को 17,421.96 करोड़ रुपये दिए गए।

♦कौशल विकास और रोजगार

♦पीएम विकास योजना: युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए कौशल प्रशिक्षण। 2019-23 के बीच 4.68 लाख लोगों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

♦उद्यमिता और वित्तीय सहायता

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास औरवित्त निगम (NMDFC):अल्पसंख्यक उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। 2023-24 तक 23.85 लाख लाभार्थियों को 8,771.88 करोड़ रुपये वितरित किए गया

♦बुनियादी ढाँचे का विकास

प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (PMJVK)

1300 चिन्हित क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक अंतर को पाटने के लिए बुनियादी ढाँचे का विकास। 15वें वित्त आयोग के तहत इस योजना का विस्तार देश के सभी जिलों तक किया गया है। सांस्कृतिक संरक्षण और विरासत का संरक्षण

♦जियो पारसी योजना

घटती पारसी आबादी को बढ़ाने के लिए 2013 में शुरू की गई।अब तक 414 पारसी बच्चों के जन्म में मदद।♦पाली भाषा और बौद्ध धरोहर पाली को शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्रदान करना और अंतर्राष्ट्रीय अभिधम्म दिवस मनाना।

♦भाषाई अल्पसंख्यकों का संरक्षण

भाषाई अल्पसंख्यकों के सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकारों की सुरक्षा।भारत सरकार की अल्पसंख्यक कल्याण योजनाएँ न केवल शिक्षा, रोजगार और बुनियादी ढाँचे में सुधार कर रही हैं, बल्कि हाशिए पर रह रहे समुदायों को समाज की मुख्यधारा में लाने में मदद कर रही हैं। इन प्रयासों से एक ऐसा भारत बनाने की कोशिश हो रही है, जहाँ हर नागरिक को समान अवसर मिले और वह देश की प्रगति में योगदान दे सके। यह पहल ‘समावेशी भारत’ के निर्माण की दिशा में एक ठोस कदम है।

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