रिपोर्ट, मतलुब अहमद
हल्द्वानी। उत्तराखण्ड में आयोजित 38वें नैशनल गेम्स के सांस्कृतिक कार्यक्रम का गौलापार स्पोर्ट्स स्टेडियम में भव्य उद्घाटन किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मशाल रैली को विदा किया और हल्द्वानी में प्रदेश के पहले खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यह आयोजन राज्य के खेल विकास में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि इन खेलों के माध्यम से राज्य के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान बनाएंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार खिलाड़ियों को आर्थिक मदद के साथ-साथ उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रेरित कर रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी और खेल कोटे में चार प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
कार्यक्रम के दौरान खेल मंत्री रेखा आर्या ने बच्चों को खेलों के प्रति जागरूक किया और 14 से 23 वर्ष के युवाओं को अगली चैंपियनशिप के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि 28 जनवरी से 14 फरवरी तक चलने वाले इन खेलों से राज्य को एक नई पहचान मिलेगी।
सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘संकल्प से शिखर तक’ के माध्यम से स्थानीय कलाकारों ने उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रस्तुत किया। इस मौके पर स्थानीय विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री धामी का आभार व्यक्त किया।
खेल मंत्री ने यह भी बताया कि लोहाघाट में राज्य का पहला गर्ल्स स्पोर्ट्स कॉलेज खोला जाएगा। साथ ही, राज्य में स्विमिंग पूल, साइकलिंग ट्रेक और शूटिंग रेंज का निर्माण किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम में विधायक बंशीधर भगत, राम सिंह केड़ा, दीवान सिंह बिष्ट, विश्व फेंसिंग फेडरेशन के पदाधिकारी राजीव मेहता, प्रमुख सचिव खेल अमित सिंह, कुमाऊं आयुक्त, डीआईजी, डीएम, एसएसपी सहित बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और अधिकारी उपस्थित रहे।
हल्द्वानी के खेल प्रेमियों और खिलाड़ियों के लिए यह आयोजन एक ऐतिहासिक क्षण साबित हुआ है।