रिपोर्ट, मतलुब अहमद
उत्तराखंड ,उत्तरकाशी जिले के मोरी तहसील अंतर्गत सावणी गांव में रविवार रात भीषण अग्निकांड हुआ, जिसमें 9 मकान जलकर राख हो गए। ये सभी मकान देवदार और कैल की लकड़ी से बने थे, जिससे आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। हादसे में 76 वर्षीय भामा देवी की जलने से मौत हो गई, जबकि आग बुझाने के दौरान कुछ ग्रामीण झुलस गए।
आग रविवार रात करीब 9 बजे किताब सिंह के मकान से शुरू हुई और तेजी से अन्य घरों में फैल गई। ग्रामीणों ने रात 11 बजे जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन को सूचना दी। दुर्गम क्षेत्र और अंधेरे के चलते राहत दलों को मौके तक पहुंचने में साढ़े तीन घंटे लग गए। पहली राहत टीम रात 12:30 बजे गोविंद वन्य जीव विहार से पहुंची, लेकिन तब तक ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत कर आग पर काफी हद तक काबू पा लिया था। रात 3 बजे आग पूरी तरह बुझाई जा सकी।
उपजिलाधिकारी देवानंद शर्मा ने बताया कि आग में 9 मकान पूरी तरह जल चुके हैं, जबकि 2 मकानों को आग की चपेट में आने से बचाने के लिए तोड़ा गया है। 3 मकानों को आंशिक रूप से तोड़ा गया है। कुल 15-16 परिवारों के आशियाने जलकर खाक हो गए हैं, और 22-25 परिवार प्रभावित हुए हैं।
प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य के लिए स्वास्थ्य, पेयजल, पशुपालन, वन विभाग और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर भेजी हैं। जिलाधिकारी डॉ. मेहराबन सिंह बिष्ट ने सतलुज जल विद्युत निगम, टोंस वन प्रभाग और गोविंद वन्य जीव विहार के कर्मचारियों को भी राहत कार्य में सहयोग करने के निर्देश दिए हैं।
प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण पूजा के दीये को बताया जा रहा है, हालांकि प्रशासन इसकी पुष्टि में जुटा है। गौरतलब है कि वर्ष 2018 में भी इसी गांव में भीषण आग लगी थी, जिसमें 39 मकान और 100 मवेशी जलकर खाक हो गए थे।