रिपोर्टिंग टीम, हिंदी न्यूज़
नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कतर के अमीर महामहिम शेख तमीम बिन हमद अल थानी का गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “अपने भाई, कतर के अमीर का स्वागत करने के लिए हवाई अड्डे गया। भारत में उनके सफल प्रवास की कामना करता हूँ और कल हमारी मुलाकात का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूँ।”
कतर के अमीर की 17-18 फरवरी की भारत यात्रा के दौरान, भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के सहयोग से नई दिल्ली में भारत-कतर संयुक्त व्यापार मंच का आयोजन किया गया। इस मंच का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को मजबूत करना और ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, विनिर्माण एवं स्टार्टअप के क्षेत्र में नए अवसर तलाशना था।
इस मंच के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग श्री गोयल ने भारत की विकसित भारत दृष्टि के तहत 2047 तक 30-35 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के संकल्प पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि भारत और कतर के बीच ऊर्जा व्यापार का लंबा इतिहास रहा है, लेकिन अब यह सहयोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), क्वांटम कंप्यूटिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और सेमीकंडक्टर्स जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों तक विस्तृत हो रहा है।
श्री गोयल ने जलवायु परिवर्तन और भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच आत्मनिर्भरता को भारत की प्राथमिकता बताया। उन्होंने कहा कि दोनों देश एक-दूसरे की प्रतिस्पर्धी ताकत को पूरक बनाकर नवाचार और औद्योगिक विकास को गति दे सकते हैं। भारत का विजन 2047 और कतर का राष्ट्रीय विजन 2030 रणनीतिक सहयोग के एक नए युग की नींव रखेगा।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने भारत की तेज आर्थिक वृद्धि और नवाचार-संचालित प्रणाली पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पिछले दशक में भारत ने 709 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित किया है।
उन्होंने इंडिया स्टैक के महत्व पर चर्चा की, जो डिजिटल पहुंच और वित्तीय समावेशन में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहा है। कतर नेशनल बैंक (QNB) और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की साझेदारी से QR कोड-आधारित UPI लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे डिजिटल भुगतान प्रणाली को और सशक्त किया जाएगा। उन्होंने कतर के निवेशकों को स्टार्टअप इंडिया महाकुंभ 2025 में भाग लेने का निमंत्रण दिया, जिससे स्टार्टअप इकोसिस्टम में गहरा सहयोग संभव होगा।
कतर के वाणिज्य और उद्योग मंत्री शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल थानी ने कहा कि भारत और कतर का संबंध सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं, बल्कि यह आपसी सम्मान और आर्थिक सहयोग की परंपरा पर आधारित है। उन्होंने भारतीय निवेशकों को कतर के बुनियादी ढांचे और विविध आर्थिक क्षेत्रों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।कतर के विदेश व्यापार मामलों के राज्य मंत्री डॉ. अहमद अल-सईद ने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग अब पारंपरिक ऊर्जा क्षेत्र से आगे बढ़कर इलेक्ट्रिक वाहन (EV), उन्नत विनिर्माण और गैर-तेल एवं गैस क्षेत्रों में विस्तार कर रहा है।
व्यापार मंच के दौरान दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और कतर व्यापार संघ के बीच व्यापार सहयोग को बढ़ाने के लिए समझौता।इन्वेस्ट इंडिया और इन्वेस्ट कतर के बीच निवेश प्रवाह को सुगम बनाने के लिए समझौता।
इन समझौतों का उद्देश्य व्यापार अवसरों को बढ़ावा देना और दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक साझेदारी को मजबूत करना है।
सीआईआई के अध्यक्ष संजीव पुरी ने कहा कि भारत-कतर सहयोग ऊर्जा सुरक्षा, स्टार्टअप, कृषि और कौशल विकास जैसे प्रमुख क्षेत्रों में और मजबूत होगा। गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (GIFT City) में निवेश के अवसरों पर भी चर्चा की गई।
भारत और कतर ने उच्च गुणवत्ता वाले सौर ग्रिड पॉलीसिलिकॉन विनिर्माण में सहयोग की संभावनाओं पर भी विचार किया। कतर में स्थापित कतर फाइनेंशियल सेंटर (QFC), कतर विज्ञान और प्रौद्योगिकी पार्क और कतर फ्री ज़ोन जैसे प्लेटफार्मों को भारतीय उद्यमियों और निवेशकों के लिए आकर्षक बताया गया।
भारत और कतर की यह साझेदारी नवाचार, प्रौद्योगिकी और सतत विकास के स्तंभों पर आधारित है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 15 अरब अमेरिकी डॉलर को पार कर चुका है, और इसमें और वृद्धि की संभावनाएं हैं। व्यापार मंच में लॉजिस्टिक्स, एआई, नवाचार और स्थिरता जैसे विषयों पर तीन पैनल चर्चाएं भी आयोजित की गईं।
भारत-कतर व्यापार मंच ने व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों की अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि की। इस यात्रा ने न केवल आर्थिक सहयोग को नया आयाम दिया, बल्कि दोनों देशों के दीर्घकालिक रणनीतिक संबंधों को और मजबूत किया है।