देहरादून,हिंदी न्यूज, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के महत्वाकांक्षी सीमांत स्तरीय ट्रैकिंग अभियान ‘हिमाद्रि-2025’ को आज शासकीय आवास से उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।इस अभियान में ITBP के47जांबाज जवान उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के दुर्गम सीमावर्ती क्षेत्रों में पदयात्रा करेंगे।
यह अभियान न केवल इन क्षेत्रों की समृद्ध लोक संस्कृति, अनूठी जीवनशैली और पर्यावरणीय विविधता को करीब से जानने का अवसर प्रदान करेगा, बल्कि लंबे समय से बंद पड़े ट्रैकिंग रूटों को पुनर्जनन देने की दिशा में भी एक ऐतिहासिक पहल साबित होगा।
‘हिमाद्रि-2025’ अभियान का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में सांस्कृतिक और पर्यावरणीय जागरूकता को बढ़ावा देना है। ITBP के जवान इस दौरान स्थानीय समुदायों के साथ संवाद स्थापित करेंगे, उनकी जीवनशैली को समझेंगे और इन क्षेत्रों की प्राकृतिक सुंदरता व जैव-विविधता के संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाएंगे। इसके साथ ही, यह अभियान उन ट्रैकिंग मार्गों को फिर से सक्रिय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जो समय के साथ उपयोग में कमी के कारण उपेक्षित हो गए थे। इन मार्गों के पुनर्जनन से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की सीमाएं आज पहले से कहीं अधिक सुरक्षित और सशक्त हैं। ITBP के जवान न केवल सीमाओं की रक्षा में अडिग प्रहरी की भूमिका निभा रहे हैं, बल्कि सीमांत क्षेत्रों में विकास, नागरिक सहभागिता और सांस्कृतिक पहचान के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। इस अभियान के माध्यम से ITBP ने एक बार फिर साबित किया है कि वे केवल सैन्य बल नहीं, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों के सामाजिक और सांस्कृतिक विकास के संवाहक भी हैं।
इस अवसर पर ITBP के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा, “हिमाद्रि-2025 न केवल हमारे जवानों के साहस और समर्पण का प्रतीक है, बल्कि यह सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों के साथ हमारे गहरे जुड़ाव को भी दर्शाता है। हमारा लक्ष्य इन क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ना और उनकी अनूठी पहचान को विश्व पटल पर लाना है।
”देशवासियों ने ITBP के इस प्रयास की सराहना की है और सोशल मीडिया पर जवानों के साहस और समर्पण की प्रशंसा करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। यह अभियान निश्चित रूप से भारत की सीमाओं को और सशक्त बनाने के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेत्रों की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करने में मील का पत्थर साबित होगा। हमें अपने वीर जवानों पर गर्व है।