रामनगर,हिंदी न्यूज उत्तराखंड के रामनगर क्षेत्र के मालधन गोपाल नगर में आबकारी आयुक्त के आदेशों की अवहेलना करते हुए पुनः खोली गई शराब की दुकान के खिलाफ महिला एकता मंच ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। मंच ने शराब की दुकान को तत्काल बंद करने, क्षेत्र में अवैध और कच्ची शराब के कारोबार पर सख्ती से रोक लगाने, और मालधन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग को लेकर रामनगर उपजिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया।
इस दौरान उपजिलाधिकारी को एक मांग पत्र सौंपा गया, जिसमें एक सप्ताह के भीतर मांगों का समाधान न होने पर “नशा नहीं, इलाज दो” अभियान को और तेज करने की चेतावनी दी गई।
महिला एकता मंच ने अपने मांग पत्र में बताया कि उत्तराखंड की जनता के व्यापक विरोध और जन संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए आबकारी आयुक्त ने 14 मई 2025 को राज्य के सभी जिलाधिकारियों को नव सृजित शराब की दुकानों को पूरी तरह बंद करने का आदेश जारी किया था। इस आदेश के तहत रामनगर के हाथी डगर क्षेत्र में गोपाल नगर, मालधन में खोली गई शराब की दुकान को भी बंद कर दिया गया था। हालांकि, 12 जून 2025 को शराब ठेकेदार द्वारा इस दुकान को अचानक फिर से खोल दिया गया, जिससे क्षेत्र में सामाजिक माहौल खराब होने की शिकायतें सामने आई हैं।महिला एकता मंच ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस और प्रशासन द्वारा अवैध शराब और कच्ची शराब के कारोबार पर प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिसके कारण यह अवैध धंधा क्षेत्र में फल-फूल रहा है। मंच ने इस स्थिति को सामाजिक और स्वास्थ्य दृष्टिकोण से गंभीर बताते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की।
मांग पत्र में मालधन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की बदहाल स्थिति का भी जिक्र किया गया। मंच ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र में सर्जन, निश्चेतक, बाल रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई है। इसके अलावा, केंद्र में डम्प पड़ी एक्स-रे मशीन को चालू करने और अल्ट्रासाउंड सुविधा शुरू करने की मांग भी की गई।महिला एकता मंच ने कहा कि उपजिलाधिकारी द्वारा इस मुद्दे पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सी.एम.ओ.), नैनीताल के साथ पहलेभीबैठकआयोजित की गई थी, लेकिन सी.एम.ओ. की अनुपस्थिति के कारण कोई ठोस प्रगति नहीं हो सकी। मंच ने इस स्थिति को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग
उपजिलाधिकारी ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि शराब की दुकान के मामले में आगामी 3 जुलाई 2025 को हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई में प्रशासन आबकारी आयुक्त के आदेशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए मजबूती से पैरवी करेगा। उन्होंने अन्य मांगों, विशेषकर स्वास्थ्य सुविधाओं के संबंध में भी उचित कदम उठाने का भरोसा दिलाया।
महिला एकता मंच ने स्पष्ट किया कि यदि एक सप्ताह के भीतर उनकी मांगों का समाधान नहीं किया गया, तो वे अपने “नशा नहीं, इलाज दो” अभियान को और तेज करेंगे। मंच ने कहा कि क्षेत्र की जनता नशे के दुष्प्रभावों से त्रस्त है और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
घेराव कार्यक्रम में भगवती आर्य, पुष्पा आर्य, देवी आर्य, कौशल्या चुनियाल, सरस्वती जोशी, रजनी, रेखा शाह सहित कई अन्य महिलाएं शामिल रहीं। इन महिलाओं ने एकजुट होकर अपनी मांगों को प्रशासन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
गौरतलब है कि महिला एकता मंच का यह आंदोलन न केवल मालधन क्षेत्र की समस्याओं को उजागर करता है, बल्कि उत्तराखंड में शराब के बढ़ते कारोबार और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी जैसे गंभीर मुद्दों पर भी ध्यान आकर्षित करता है। मंच का कहना है कि शराब की दुकानों के कारण क्षेत्र में अपराध और सामाजिक अशांति बढ़ रही है, वहीं स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के चलते लोगों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है।