हल्द्वानी:हिंदी न्यूज। उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर के कटघरिया नंदपुर क्षेत्र में बुधवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया, जब एक निर्माणाधीन कॉम्प्लेक्स की छत अचानक भरभरा कर ढह गई। इस हादसे में दो मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें स्थानीय लोगों की तत्परता और समय पर मदद से मलबे से निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। घटना ने निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी और लापरवाही के गंभीर मुद्दों को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, कटघरिया क्षेत्र में एक बहुमंजिला कॉम्प्लेक्स का निर्माण कार्य चल रहा था। बुधवार को छत की शटरिंग और लिंटर डालने का काम हो रहा था। इसी दौरान शटरिंग की कमजोरी के कारण लिंटर अचानक नीचे गिर गया, जिससे पूरी छत ढह गई। इस हादसे में वहां काम कर रहे दो मजदूर मलबे में दब गए। मौके पर मौजूद अन्य मजदूरों और स्थानीय लोगों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और घायलों को मलबे से बाहर निकाला।घायल मजदूरों को तत्काल नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, हादसे के समय निर्माण स्थल पर अन्य मजदूर भी मौजूद थे, लेकिन वे बाल-बाल बच गए।
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया। एसपी सिटी प्रकाश चंद्र ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। निर्माण स्थल को सील कर दिया गया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण के स्तर पर भी इस मामले में विधिक कार्रवाई की जाएगी। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या निर्माण कार्य के दौरान सभी जरूरी सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था।
हादसे के बाद स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों में भारी आक्रोश देखा गया। लोगों ने निर्माण कार्य में लापरवाही और नियमों की अनदेखी को इस हादसे का प्रमुख कारण बताया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, निर्माण स्थल पर न तो पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम थे और न ही मजदूरों को उचित सुरक्षात्मक उपकरण उपलब्ध कराए गए थे। स्थानीय निवासी रमेश चंद्र ने कहा, “अगर निर्माण से पहले सभी मानकों की जांच और नियमित निगरानी होती, तो शायद यह हादसा टाला जा सकता था।”कई लोगों ने प्राधिकरण की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि निर्माण कार्यों की अनुमति देने से पहले प्राधिकरण द्वारा ठोस निरीक्षण नहीं किया जाता, जिसके कारण इस तरह की घटनाएं बार-बार सामने आ रही हैं।
हल्द्वानी में इस तरह का हादसा कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी शहर और आसपास के इलाकों में निर्माण कार्यों के दौरान लापरवाही के कारण कई हादसे हो चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कई बार ठेकेदार और बिल्डर लागत कम करने के लिए घटिया सामग्री का उपयोग करते हैं और सुरक्षा मानकों को नजरअंदाज कर देते हैं। इसके अलावा, मजदूरों को भी पर्याप्त प्रशिक्षण और सुरक्षात्मक उपकरण उपलब्ध नहीं कराए जाते, जिससे उनकी जान जोखिम में रहती है।
इस हादसे ने एक बार फिर हल्द्वानी में निर्माण कार्यों की निगरानी और प्राधिकरण की जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्राधिकरण द्वारा निर्माण स्थलों का नियमित निरीक्षण और सख्ती से नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। एक स्थानीय निवासी, श्याम सिंह, ने कहा, “प्राधिकरण को हर निर्माण कार्य की बारीकी से जांच करनी चाहिए। अगर पहले से सही निगरानी होती, तो मजदूरों की जान को खतरा नहीं होता।”फिलहाल पुलिस और प्राधिकरण द्वारा मामले की जांच की जा रही है। निर्माण कार्य के लिए जिम्मेदार ठेकेदार और बिल्डर से पूछताछ की जाएगी। यह भी जांच का विषय है कि क्या निर्माण स्थल पर सभी जरूरी अनुमतियां ली गई थीं और क्या सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था। इसके साथ ही, घायल मजदूरों के इलाज और उनके परिवारों को सहायता प्रदान करने की मांग भी उठ रही है।
गौरतलब है कि हल्द्वानी में हुआ यह हादसा न केवल एक दुखद घटना है, बल्कि यह निर्माण कार्यों में सुरक्षा और जवाबदेही के महत्व को भी रेखांकित करता है। इस घटना ने प्रशासन, प्राधिकरण और ठेकेदारों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए। लोगों की मांग है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों को लागू करने के लिए ठोस नीतियां बनाई जाएं।फिलहाल, घायल मजदूरों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना के साथ ही यह उम्मीद की जा रही है कि इस हादसे से सबक लिया जाएगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे