ध्वस्तीकरण पर उबला आवास विकास, महापंचायत में गरजे विधायक सुमित हृदयेश

हल्द्वानी,हिंदी न्यूज। उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर के आवास विकास कॉलोनी में जिला प्रशासन द्वारा मकानों को अतिक्रमण घोषित कर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू करने के विरोध में शुक्रवार को पंचेश्वर मंदिर पार्क में एक विशाल महापंचायत का आयोजन किया गया। इस महापंचायत में सैकड़ों की संख्या में स्थानीय निवासियों, जिसमें महिलाएं, बुजुर्ग, और युवा शामिल थे, ने एकजुट होकर प्रशासन के इस कदम का कड़ा विरोध जताया। क्षेत्रीय विधायक सुमित हृदयेश ने इस सभा में भाग लिया और प्रभावित परिवारों को हरसंभव समर्थन और न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।

पंचेश्वर मंदिर पार्क में आयोजित इस महापंचायत में स्थानीय निवासियों ने अपनी व्यथा को खुलकर व्यक्त किया। लोगों ने बताया कि वे दशकों से इस क्षेत्र में बसे हुए हैं और अब अचानक उनके घरों को अतिक्रमण बताकर तोड़ने की नोटिस जारी करना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि उनके जीवन को पूरी तरह से प्रभावित करने वाला है। महापंचायत में शामिल लोगों ने प्रशासन के इस कदम को अमानवीय और तानाशाही करार दिया।

महापंचायत को संबोधित करते हुए हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश ने प्रशासन की कार्रवाई को “तुगलकी फरमान” बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “वर्षों से बसे इन परिवारों को बेघर करना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि यह मानवीय संवेदनाओं का भी अपमान है। प्रशासन का यह रवैया तानाशाही पूर्ण है। हम इस लड़ाई को सड़क से लेकर सदन तक और जरूरत पड़ने पर न्यायालय तक ले जाएंगे।”उन्होंने आगे कहा, “विकास के नाम पर गरीबों के घर उजाड़ने की साजिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैं प्रभावित परिवारों के साथ हर कदम पर मजबूती से खड़ा हूं और यह सुनिश्चित करूंगा कि किसी भी परिवार को बेघर न होना पड़े।” विधायक ने प्रशासन से नोटिस को तत्काल रद्द करने की मांग की और प्रभावित लोगों को कानूनी और सामाजिक सहायता प्रदान करने का वादा किया।

महापंचायत में बड़ी संख्या में महिलाएं, बुजुर्ग, और युवा शामिल हुए, जिन्होंने एक स्वर में प्रशासन की कार्रवाई का विरोध किया। निवासियों ने बताया कि उनके पास वैध दस्तावेज हैं और वे लंबे समय से इस क्षेत्र में रह रहे हैं। कई लोगों ने सवाल उठाया कि अगर उनके घर अवैध थे, तो प्रशासन ने उन्हें पहले बसने की अनुमति क्यों दी। स्थानीय निवासियों ने सामूहिक रूप से इस अन्याय के खिलाफ संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।

 सुमित हृदयेश ने न केवल महापंचायत में अपनी मौजूदगी दर्ज की, बल्कि प्रभावित क्षेत्रों जैसे सुभाष नगर और बमौरी में भी लोगों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से फोन पर बात कर नोटिस को रद्द करने की मांग की। इसके अलावा, उन्होंने कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत को दमुवाढूंगा भूमि प्रकरण से संबंधित एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें उन्होंने क्षेत्र के निवासियों के हितों की रक्षा की मांग की।

महापंचायत में क्षेत्र के वरिष्ठ नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई। गुरीप्रीत सिंह प्रिंस, हर्षित भट्ट, भुवन पाण्डेय, मोहन सिंह भण्डारी, खीमानंद पांडेय, हेमंत चुफाल, सुरेश किरौला, योगेंद्र श्रीवास्तव, के.एन. जोशी, भीम सिंह बोरा, कमल सिंह कराकोटी, रेवती देवी, भावना बिष्ट, नंदी देवी, नंदनी गोस्वामी, सीमा कोठारी, गंगा कराकोटी, तारा कन्याल, विनीता वर्मा, अनिता रावत, दुर्गा देवी, और कीर्ति सिंह रावत सहित कई अन्य लोग इस अवसर पर मौजूद रहे। इन सभी ने एकजुट होकर प्रशासन के खिलाफ आवाज बुलंद की और विधायक सुमित हृदयेश के नेतृत्व में संघर्ष को और तेज करने की बात कही।

बताते चलें कि जिला प्रशासन ने आवास विकास क्षेत्र में देवखड़ी और रकसिया नाले के किनारे बने 512 घरों और दुकानों को अतिक्रमण घोषित करते हुए 15 दिनों के भीतर उन्हें हटाने का नोटिस जारी किया है। प्रशासन का तर्क है कि ये निर्माण नाले के किनारे अवैध रूप से किए गए हैं। हालांकि, निवासियों का कहना है कि वे 50 साल से अधिक समय से यहां बसे हैं और उनके पास वैध दस्तावेज हैं। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि यदि नोटिस की अवधि में अतिक्रमण नहीं हटाया गया, तो बलपूर्वक कार्रवाई की जाएगी।

हल्द्वानी में अतिक्रमण हटाने को लेकर पहले भी विवाद हो चुके हैं। वर्ष 2022 में बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण हटाने के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतरे थे। उस समय भी सुमित हृदयेश ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया था और उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

महापंचायत के बाद विधायक सुमित हृदयेश ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि वह इस मुद्दे को हर स्तर पर उठाएंगे। उन्होंने कहा, “हम इस तुगलकी आदेश को स्वीकार नहीं करेंगे। यह लड़ाई सड़क से लेकर सदन और जरूरत पड़ने पर अदालत तक जाएगी।”निवासियों ने भी सामूहिक रूप से इस संघर्ष को जारी रखने का फैसला किया है। उनकी मांग है कि प्रशासन नोटिस को रद्द करे और प्रभावित परिवारों को वैकल्पिक आवास की व्यवस्था करे। इस बीच, विधायक सुमित हृदयेश ने लोगों से एकजुट रहने और शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने की अपील की है।

 विधायक सुमित हृदयेश के नेतृत्व में यह आंदोलन अब और तेज होने की संभावना है। प्रशासन और आम जनता के बीच यह टकराव आने वाले दिनों में और गहरा सकता है, लेकिन प्रभावित लोग अपने घरों को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास करने को तैयार हैं।

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