सुभाष नगर में अतिक्रमण कार्रवाई के खिलाफ महापंचायत, विधायक सुमित हृदयेश ने जताया कड़ा विरोध

नैनीताल ,हिंदी न्यूज। हल्द्वानी के सुभाष नगर में प्रशासन द्वारा 140 परिवारों को अतिक्रमणकारी घोषित कर उनके मकानों को तोड़ने की कार्रवाई के खिलाफ गुरुवार,को सुभाष नगर स्थित दुर्गा मंदिर प्रांगण में एक विशाल महापंचायत का आयोजन किया गया। इस महापंचायत में सैकड़ों स्थानीय निवासियों ने भाग लिया और प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ एकजुटता प्रदर्शित की। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक सुमित हृदयेश ने भी उपस्थिति दर्ज कराई और प्रभावित परिवारों को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।

महापंचायत को संबोधित करते हुए विधायक सुमित हृदयेश ने प्रशासन की इस कार्रवाई को “अमानवीय” और “तानाशाही रवैया” करार दिया। उन्होंने कहा, “वर्षों से बसे इन परिवारों को उनके घरों से बेघर करने का तुगलकी फरमान बिल्कुल अस्वीकार्य है। यह केवल घरों को बचाने की लड़ाई नहीं, बल्कि इंसाफ और मानवीय अधिकारों की रक्षा की जंग है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रशासन का यह कदम गरीब और मेहनतकश परिवारों के साथ अन्याय है, जिन्होंने वर्षों से इन स्थानों पर अपने जीवन का निर्माण किया है।

विधायक हृदयेश ने स्पष्ट किया कि इस कार्रवाई का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा, “मैं इस मुद्दे को विधानसभा में जोर-शोर से उठाऊंगा। यदि आवश्यक हुआ, तो हम न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएंगे।” उन्होंने प्रभावित परिवारों को भरोसा दिलाया कि वे इस संघर्ष में अकेले नहीं हैं और वह उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं।

महापंचायत में सुभाष नगर, आवास विकास, और दमुआढुंगा क्षेत्रों के सैकड़ों निवासियों ने हिस्सा लिया। स्थानीय लोगों ने अपनी पीड़ा और आक्रोश को विधायक के समक्ष रखा। उनका कहना था कि प्रशासन ने बिना उचित जांच और वैकल्पिक व्यवस्था के उन्हें अतिक्रमणकारी घोषित कर नोटिस थमा दिया है। कई निवासियों ने बताया कि वे दशकों से इन स्थानों पर रह रहे हैं और उनके पास वैध दस्तावेज भी हैं। उन्होंने प्रशासन के इस कदम को एकतरफा और अन्यायपूर्ण बताया।

महापंचायत के बाद विधायक सुमित हृदयेश ने बमौरी क्षेत्र का दौरा किया, जहां नाले के किनारे बसे परिवारों को भी अतिक्रमण के नाम पर नोटिस जारी किए गए हैं। उन्होंने वहां के निवासियों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना। विधायक ने कहा, “बमौरी क्षेत्र में भी लोगों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। मैं इस मुद्दे पर भी पूरी ताकत से लड़ाई लड़ूंगा।” उन्होंने प्रशासन से मांग की कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था के किसी भी परिवार को बेघर न किया जाए।

हल्द्वानी में नदियों और नालों के किनारे अतिक्रमण को लेकर प्रशासन का कहना है कि बारिश के मौसम में जलभराव और बाढ़ के खतरे को कम करने के लिए यह कार्रवाई आवश्यक है। प्रशासन ने रकसिया, कल्सिया, और देवखड़ी नालों के आसपास बने घरों को अतिक्रमण मानते हुए नोटिस जारी किए हैं। दूसरी ओर, हल्द्वानी के मेयर ने कहा है कि गलत नोटिस को वापस लिया जाएगा, लेकिन नाले पर अतिक्रमण हटाना अनिवार्य है।

महापंचायत में राहुल छिम्वाल, दीप पाठक, पूरन चंद्र बवाड़ी, सतनाम सिंह चटवाल, मुकुल बल्यूटिया, हेम चंद्र जोशी, गोपाल दत्त जोशी, शशि वर्मा, हेमा कर्नाटक, ममता कुलौरा, सुनीता बुधानी, शांति देवी, बिमला तिवारी, नीमा चौहान, हेमा लटवाल, कन्नू सुयाल, कन्नू जोशी, कुंदन सिंह, जगदीश चंद्र उपाध्याय, एच एस जीना, संजय बोरा, कंचु मटियानी सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी मौजूद रहे। इन सभी ने एक स्वर में प्रशासन के फैसले का विरोध किया और विधायक के नेतृत्व में न्याय की मांग की।

इस मुद्दे ने हल्द्वानी की राजनीति को गरमा दिया है। विधायक सुमित हृदयेश ने इसे न केवल स्थानीय, बल्कि मानवीय मुद्दा बताते हुए इसे हर मंच पर उठाने का संकल्प लिया है। स्थानीय निवासियों ने भी चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने नोटिस वापस नहीं लिए, तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। इस बीच, विधायक ने प्रभावित परिवारों से धैर्य बनाए रखने और एकजुट रहने की अपील की है।

सुभाष नगर और बमौरी क्षेत्र में अतिक्रमण के नाम पर चल रही कार्रवाई ने स्थानीय निवासियों में आक्रोश पैदा कर दिया है। विधायक सुमित हृदयेश के नेतृत्व में इस मुद्दे ने न केवल सामाजिक, बल्कि राजनीतिक रंग भी ले लिया है। यह देखना बाकी है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या प्रभावित परिवारों को न्याय मिल पाएगा।।।

 

 

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