मालधन, हिंदी न्यूज ।महिला एकता मंच ने मालधन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में व्याप्त समस्याओं और क्षेत्र में बढ़ते नशे के कारोबार के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने की घोषणा की है। मंच ने 18 अगस्त को मालधन बाजार, शिक्षण संस्थानों, बैंकों और अन्य प्रतिष्ठानों को बंद करने का आह्वान किया है। इस बंद के माध्यम से मंच ने क्षेत्र की जनता से एकजुट होकर स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी और शराब की दुकानों पर रोक लगाने की मांग को समर्थन देने की अपील की है।
महिला एकता मंच ने अपनी मांगों में मालधन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत डॉ. प्रशांत कौशिक और डॉ. अर्चना कौशिक के स्थानांतरण को रोकने या उनकी जगह तत्काल अन्य चिकित्सकों की नियुक्ति की मांग की है। इसके अलावा, मंच ने अस्पताल में सर्जन, निश्चेतक, बाल रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति, खराब पड़ी एक्स-रे मशीन को चालू करने, अल्ट्रासाउंड सुविधा शुरू करने और 24 घंटे आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने की मांग उठाई है।
मंच ने क्षेत्र में गोपाल नगर में पुनः खोली गई शराब की दुकान को बंद करने और अवैध व कच्ची शराब के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए विशेष पुलिस टीम गठित करने की भी मांग की है। मंच का कहना है कि उत्तराखंड सरकार ने 14 मई को नवसृजित शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश जारी किया था, लेकिन मालधन और पाटकोट जैसे गांवों में शराब की दुकानें खुल रही हैं, जो क्षेत्र की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को और बदतर कर रही हैं।”
महिला एकता मंच ने “नशा नहीं, इलाज दो” अभियान को और तेज करने का ऐलान किया है। मंच की बैठक में शामिल महिलाओं ने कहा कि भाजपा सरकार मालधन की 40 हजार की आबादी को केवल वोट बैंक के रूप में देखती है। उन्होंने आरोप लगाया कि मालधन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहले से ही सीमित चिकित्सा सुविधाएं थीं, लेकिन अब दो चिकित्सकों के पिथौरागढ़ स्थानांतरण से क्षेत्र की जनता को नाममात्र की स्वास्थ्य सुविधाएं भी छीन ली गई हैं।महिलाओं ने सरकार से सवाल किया कि अनुसूचित जाति बहुल मालधन क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के बजाय, शराब की दुकानों को बढ़ावा देकर सरकार कौन सा “रामराज” स्थापित करना चाहती है। मंच ने कहा कि शराब और नशे का बढ़ता प्रचलन क्षेत्र के युवाओं और समुदाय को बर्बाद कर रहा है, जिसे तत्काल रोका जाना चाहिए।
महिला एकता मंच ने 18 अगस्त के बंद को सफल बनाने के लिए मालधन क्षेत्र में व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाने की योजना बनाई है। मंच ने सभी समुदायों से जाति, धर्म, लिंग और दलीय राजनीति से ऊपर उठकर इस आंदोलन में शामिल होने की अपील की है। मंच का कहना है कि यह आंदोलन मालधन के समग्र विकास और जनता के हितों के लिए है।
महिला एकता मंच ने 25 जुलाई 2025 को अमर बलिदानी श्री देव सुमन की स्मृति में एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित करने की भी घोषणा की है। श्री देव सुमन ने 84 दिनों तक टिहरी जेल में अनशन किया था और क्षेत्र के विकास के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। मंच ने उनके बलिदान को याद करते हुए क्षेत्रवासियों से उनके दिखाए रास्ते पर चलने का आह्वान किया है।
मालधन चंद्रनगर में आयोजित महिला एकता मंच की बैठक में ममता, शिवानी, सरस्वती, विनीता टम्टा, रेखा, देवी आर्य, पुष्पा और भगवती सहित कई महिलाएं शामिल हुईं। इन महिलाओं ने एक स्वर में सरकार की नीतियों की आलोचना की और क्षेत्र की जनता के हितों के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।
महिला एकता मंच ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। मंच ने कहा कि मालधन की जनता अब और उपेक्षा बर्दाश्त नहीं करेगी और अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरने को तैयार है।
महिला एकता मंच का यह आंदोलन मालधन क्षेत्र की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं को उजागर करता है। स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और नशे के बढ़ते कारोबार ने क्षेत्र की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। मंच की यह पहल न केवल स्थानीय समस्याओं को उठाने का प्रयास है, बल्कि यह सरकार को यह संदेश भी देती है कि जनता अब अपनी मांगों के लिए एकजुट हो रही है। 18 अगस्त का बंद और 25 जुलाई का श्रद्धांजलि कार्यक्रम इस आंदोलन के महत्वपूर्ण पड़ाव होंगे।महिला एकता मंच ने क्षेत्रवासियों से अपील की है कि वे इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और मालधन के बेहतर भविष्य के लिए एकजुट हों।