हल्द्वानी,हिंदी न्यूज।उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर में शुक्रवार दोपहर एक सनसनीखेज घटना सामने आई, जब उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी के समीप जंगल में एक युवक का सड़ा-गला शव बरामद हुआ। इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। शव की स्थिति इतनी खराब थी कि उसकी पहचान करना मुश्किल हो रहा है। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है और मामले की गहन जांच की जा रही है।
शुक्रवार दोपहर को स्थानीय लोगों ने उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी के पास जंगल में एक सड़ा-गला शव देखा, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही ट्रांसपोर्ट नगर चौकी और हल्द्वानी कोतवाली पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लिया और पंचनामा भरने की कार्रवाई पूरी की। इसके बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया।
हल्द्वानी कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक राजेश यादव ने बताया कि मृतक की उम्र लगभग 30 से 35 वर्ष के बीच प्रतीत होती है। शव की हालत अत्यंत खराब है और प्रथम दृष्टया यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह 10 से 12 दिन पुराना हो सकता है। शव इतने खराब हाल में है कि चेहरा पहचानना असंभव है, जिसके कारण मृतक की शिनाख्त अभी तक नहीं हो सकी है।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच शुरू कर दी है। शव की पहचान के लिए आसपास के थाना क्षेत्रों के गुमशुदगी जिस्टर खंगाले जा रहे हैं। कोतवाली प्रभारी राजेश यादव ने बताया कि पुलिस सभी संभावित सुरागों पर काम कर रही है। इसके अलावा, आसपास के इलाकों में पूछताछ की जा रही है और स्थानीय लोगों से जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है।
पुलिस ने यह भी बताया कि शव की स्थिति को देखते हुए मौत के सही कारणों का पता लगाने के लिए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। फॉरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया है ताकि घटनास्थल से कोई महत्वपूर्ण सबूत मिल सके। प्रारंभिक जांच में हत्या या आत्महत्या दोनों ही पहलुओं पर विचार किया जा रहा है, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी के समीप जंगल में शव मिलने की खबर फैलते ही स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल बन गया है। यह क्षेत्र अपेक्षाकृत शांत और शैक्षणिक गतिविधियों का केंद्र माना जाता है, इसलिए इस तरह की घटना ने लोगों को स्तब्ध कर दिया है। स्थानीय निवासियों ने पुलिस से जल्द से जल्द मामले की तह तक पहुंचने और दोषियों को पकड़ने की मांग की है।
हल्द्वानी और आसपास के जंगलों में इस तरह की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं। उदाहरण के लिए, दिसंबर 2024 में मंडी बाईपास के पास जंगल में एक निजी विश्वविद्यालय के छात्र का शव मिला था, जिसके बाद पुलिस ने हत्या और आत्महत्या दोनों एंगल से जांच की थी। उस मामले में भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई हुई थी। इसी तरह, अप्रैल 2024 में रानीबाग और ज्योलिकोट क्षेत्र में दो अज्ञात शव मिले थे, जिनकी शिनाख्त के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।
पुलिस ने इस मामले में सभी संभावित पहलुओं पर जांच शुरू कर दी है। आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, और यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि मृतक आखिरी बार कब और कहां देखा गया था। इसके साथ ही, गुमशुदगी के रजिस्टरों की जांच के अलावा पुलिस अन्य जिलों की पुलिस से भी संपर्क कर रही है ताकि मृतक की पहचान हो सके।
कोतवाली प्रभारी राजेश यादव ने कहा, “हम सभी दिशाओं में जांच कर रहे हैं। शव की स्थिति को देखते हुए यह एक संवेदनशील मामला है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच के बाद ही मौत के कारणों और परिस्थितियों का सही पता चल सकेगा।”
यह घटना हल्द्वानी में सुरक्षा और जंगल क्षेत्रों में निगरानी की आवश्यकता पर सवाल उठाती है। उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी जैसे शैक्षणिक संस्थान के आसपास इस तरह की घटना चिंता का विषय है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और जांच से उम्मीद है कि जल्द ही मृतक की पहचान और मौत के कारणों का खुलासा हो सकेगा। फिलहाल, स्थानीय लोग और पुलिस दोनों ही इस मामले में सतर्कता बरत रहे हैं, और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है