देहदान के लिए 17 लोगों ने ली शपथ, विज्ञान और मानव सेवा के लिए बढ़ाया कदम

नैनीताल। हिंदी न्यूज़ हल्द्वानी नगर निगम सभागार में “साइंस फॉर सोसायटी (यूनाइटेड)” के तत्वावधान में आयोजित देहदान जागरूकता कार्यक्रम में एक सराहनीय पहल देखने को मिली। कार्यक्रम के दौरान 6 महिलाओं सहित कुल 17 लोगों ने मरणोपरांत अपना शरीर मेडिकल रिसर्च और शिक्षा के लिए समर्पित करने की सामूहिक शपथ ली। ये शपथ डॉ. सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के शरीर रचना विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. दीपा देऊपा की मौजूदगी में ली गई।

विभिन्न जिलों से आए प्रतिभागी

कार्यक्रम में बागेश्वर, अल्मोड़ा, रुद्रपुर, रामनगर और हल्द्वानी जैसे अलग-अलग क्षेत्रों से लोग जुटे। सभी ने मरणोपरांत देहदान करने की संकल्पना को न केवल स्वीकार किया, बल्कि सार्वजनिक रूप से अपनी प्रतिबद्धता भी जताई।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. दीपा देऊपा ने कहा कि,”देहदान मेडिकल साइंस के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह रिसर्च और मेडिकल छात्रों के प्रैक्टिकल प्रशिक्षण में मदद करता है।उन्होंने समाज में फैली भ्रांतियों पर चिंता जताते हुए बताया कि भारत में आज भी देहदान को लेकर जागरूकता की भारी कमी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कैंसर के मरीजों की मृत देह को स्वीकार किया जाता है, जबकि एचआईवी और टीबी जैसी गंभीर संक्रामक बीमारियों से संक्रमित शव को स्वीकार नहीं किया जाता।उन्होंने यह भी जानकारी दी कि फिलहाल मेडिकल कॉलेज में नेत्रदान की सुविधा है, जबकि हृदय, किडनी और लीवर जैसे अंगों के प्रत्यारोपण हेतु विशेष इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता होती है, जो वर्तमान में सीमित है।

कार्यक्रम में मौजूद डॉ.गौरव नेकहा”थ्योरी को प्रैक्टिकल में उतारने के लिए मृत शरीर का होना जरूरी है। इसके बिना मेडिकल छात्र अधूरी तैयारी के साथ निकलते हैं। समाज को इस दिशा में आगे आना चाहिए।

साइंस फॉर सोसायटी के संयोजक मदन मेहता ने बताया कि संस्था वर्ष 2020 से अंधविश्वास को समाप्त करने और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में संस्था ने 13 डॉक्टरों के सहयोग से मेडिकल हेल्पलाइन शुरू की थी, जिससे सैकड़ों लोगों को मुफ्त उपचार मिला।उन्होंने यह भी याद दिलाया कि पिछले वर्ष रामनगर में आयोजित एक ऐसे ही कार्यक्रम में 28 लोगों ने देहदान का संकल्प लिया था।

कार्यक्रम में 27 मई 2023 को देहदान करने वाली रीता खनका रौतेला को श्रद्धांजलि दी गई और उनके जीवन साथी जगमोहन रौतेला को सम्मानित कर उनके निर्णय के प्रति आभार व्यक्त किया गया।सोसायटी के प्रवक्ता गिरीश आर्य ने देहदान की घोषणा करने वाले सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि,”इस प्रकार के कार्यक्रम समाज में बदलाव लाते हैं। हमें उम्मीद है कि इससे देहदान को लेकर फैली भ्रांतियां खत्म होंगी और लोग मानव सेवा के लिए प्रेरित होंगे।एडवोकेट बबीता उप्रेती ने कहा कि इस तरह के जागरूकता अभियानों को गांव-गांव और गली-गली तक पहुंचाने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम का संचालन उषा पटवाल व जमन द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में विनीता, गोपाल लोदियाल, संजय रौतेला, पारिजात, किरन आर्य, प्रतिमा पांडे, शांति किशन आर्य, विमला आर्य, अनिल रावल, कुंदन सिंह, गोविंद राम, चंपा देवी, विनोद कुमार जीना, संजय सिंह राठौर, हेमचंद जोशी, ललित कुमार पांडे, श्रीमती गीता पाल शामिल रहे।

यह कार्यक्रम न केवल मानवता के प्रति सेवा भावना का प्रतीक है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को चिकित्सा के क्षेत्र में अधिक सक्षम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Call Now Button