“व्यापार भवन में हुई गोष्ठी, अंधविश्वास उन्मूलन और वैज्ञानिक सोच को जीवन का आधार बनाने का लिया संकल्प”
रामनगर,हिंदी न्यूज़, साइंस फॉर सोसाइटी (यूनाइटेड) द्वारा प्रख्यात तर्कवादी एवं समाज सुधारक डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की स्मृति में गुरुवार को राष्ट्रीय वैज्ञानिक चेतना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर नगर के व्यापार भवन में आयोजित विचार गोष्ठी में बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता और नागरिक शामिल हुए।
कार्यक्रम का संचालन हेम चन्द्र आर्य ने किया। वक्ताओं ने कहा कि डॉ. दाभोलकर ने महाराष्ट्र में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति का गठन कर अंधविश्वास और रूढ़िवादिता के खिलाफ व्यापक तर्कवादी आंदोलन छेड़ा था। इसी आंदोलन से भयभीत होकर हिंदू चरमपंथियों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी।
कैसर राणा ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र की मोदी सरकार स्कूलों के पाठ्यक्रम से डार्विन का इवोल्यूशन सिद्धांत हटाकर छात्रों को अंधविश्वासी बनाए रखना चाहती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे राज्य, जो जनसंघर्षों की बदौलत बने हैं, उन्हें “देव भूमि” की जगह “संघर्ष भूमि” कहा जाना चाहिए।
समाजवादी लोक मंच के संयोजक मुनीष कुमार ने कहा कि समाज में अंतरधार्मिक और अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहन देकर ही दाभोलकर को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों के कट्टरपंथी चाहते हैं कि मनुष्य सवाल न पूछे और धर्म व पाखंड के सहारे जीवन गुजार दे। इसी राह में बाधक बनने के कारण ही दाभोलकर, गोविंद पसारे, एमएम कुलबुर्गी और गौरी लंकेश जैसे बुद्धिजीवियों की हत्या की गई।
जगमोहन रावत ने कहा कि सरकार अब पाठ्यक्रम से पीरियोडिक टेबल हटाकर पुनः धर्म आधारित चार तत्वों की शिक्षा देना चाह रही है, जबकि अब तक सौ से अधिक तत्वों की खोज की जा चुकी है। यह शिक्षा को पीछे ले जाने का प्रयास है।
साइंस फॉर सोसाइटी (यूनाइटेड) के प्रवक्ता गिरीश आर्य ने कहा कि अंधविश्वास और पाखंड से लड़ने के लिए वैज्ञानिक सोच ही सबसे बड़ा हथियार है। उन्होंने कहा कि जीवन का मूल आधार वैज्ञानिक दृष्टिकोण होना चाहिए और समाज को इसे अपनाना होगा तभी सच्ची प्रगति संभव है।
इस अवसर पर वीर सिंह, किशन शर्मा, मौ. आसिफ, मास्टर नंदराम, लालता प्रसाद श्रीवास्तव, उषा पटवाल, सौरभ आर्य, किरन आर्य, कीर्ति श्रीवास्तव, दीपक सुयाल, अंजू आर्य, गीता आर्य, सरस्वती जोशी, ललिता रावत, कौशल्या चुन्याल, किरन रावत, लालमणि, प्रभात ध्यानी सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।