हल्द्वानी की छात्रा की फन सिटी में मौत से परिवार में शोक, स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप

♦मतलुब अहमद

हल्द्वानी: बरेली स्थित फन सिटी में स्कूल टूर के दौरान एक दर्दनाक हादसे में हल्द्वानी की 17 वर्षीय छात्रा अंजलि रावत की मौत हो गई। इस घटना ने परिवार, रिश्तेदारों और स्कूल प्रबंधन को गहरे सदमे में डाल दिया है। और  वहीं स्कूल प्रबंधन के सामने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। 

केवीएम स्कूल की 17 वर्षीय छात्रा अंजलि रावत, जो हल्द्वानी के मुखानी थाना क्षेत्र के भगवानपुर नैनी व्यू कालोनी की निवासी थी, अपने स्कूल के टूर में शामिल होकर बरेली के फन सिटी गई थी। इस टूर में लगभग 250 छात्र शामिल थे।

बताया जा रहा है कि अंजलि ने जैसे ही फन सिटी में पानी में कदम रखा, वह कुछ ही पलों में बेहोश होकर गिर पड़ी। साथ मौजूद शिक्षकों ने तत्परता दिखाते हुए उसे तुरंत दो निजी अस्पतालों में पहुँचाया, परंतु डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह घटना अंजलि के परिवार के लिए किसी भयंकर सदमे से कम नहीं है। उसकी मां सरिता अपनी बेटी की मौत की खबर सुनते ही गहरे शोक में डूब गईं और बेहोश हो गईं। परिवार और रिश्तेदारों में मातम का माहौल है।

काल्पनिक फोटो

अंजलि के पिता राजेंद्र सिंह रावत, जो भारतीय सेना में नायब सूबेदार के पद पर तैनात हैं और फिलहाल शाहजहांपुर में पोस्टेड हैं, ने स्कूल प्रबंधन पर सुरक्षा में लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि फन सिटी में छात्रों की सुरक्षा का समुचित इंतजाम नहीं किया गया था, जिसके कारण उनकी बेटी की जान चली गई।

अंजलि के शव को हल्द्वानी स्थित डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल में ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसका डेथ सर्टिफिकेट जारी किया। इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है ताकि मौत के वास्तविक कारणों की पुष्टि हो सके।

बताते चलें कि अंजलि केवीएम पब्लिक स्कूल में नर्सरी से ही पढ़ रही थी और अब वह इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रही थी। उसके छोटे भाई की पढ़ाई भी केवीएम स्कूल में ही चल रही है। इस हृदयविदारक घटना के बाद से स्कूल प्रबंधन और फन सिटी की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं, जिनकी जाच आवश्यक है।

यह घटना सभी शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक स्थानों के लिए एक सबक है कि सुरक्षा के मानकों को प्राथमिकता दें। स्कूल टूर या अन्य आयोजनों के दौरान छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी है। उम्मीद है कि इस मामले की उचित जांच होगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।

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