मतलुब अहमद
पिथौरागढ़, 4 दिसंबर जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने सुबह 10:20 बजे कार्यालय अधिशासी अभियंता, सिंचाई खंड, पिथौरागढ़ का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कार्यालय में कई कार्मिक अनुपस्थित पाए गए और गंभीर अनियमितताएं उजागर हुईं। जिलाधिकारी ने इस पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए अनुपस्थित कर्मचारियों के एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि कार्यालय के सभी कक्ष बंद थे। सहायक अभियंता श्री प्रदीप बसेड़ा और अन्य कर्मचारियों ने कक्ष खोले। अधिशासी अभियंता श्री कमलेश पांडे की अनुपस्थिति पर सवाल पूछे जाने पर बताया गया कि वह बेरीनाग गए हैं, लेकिन इसकी कोई आधिकारिक पंजिका उपलब्ध नहीं थी।
उपस्थिति पंजिका के अवलोकन में पाया गया कि नवंबर और दिसंबर 2024 में कई कार्मिकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं की है। इनमें से कुछ कार्मिक लंबे समय से अनुपस्थित थे, और उनकी अनुपस्थिति के लिए कोई अवकाश या स्थानांतरण आदेश प्रस्तुत नहीं किया गया।
लेखा कक्ष में अत्यधिक गंदगी भी पाई गई।कक्ष में सरकारी दस्तावेज फर्श पर अव्यवस्थित रूप से पाए गए।
कंप्यूटर और फोटोकॉपी मशीन धूल से ढकी थीं और उनका उपयोग नहीं हो रहा था। कार्यालय परिसर में भी कूड़े-कचरे की भरमार थी। पेयजल के लिए लगाए गए आरओ सिस्टम खराब स्थिति में पाया गया। परिसर में नागरिकों को सूचित करने के लिए कोई सूचना प्रदर्शित नहीं थी।
निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाए गए कर्मचारियों में अधिशासी अभियंता कमलेश पांडे, लेखाकार तनुज सूद, श्रीमती दीपशिखा वर्मा, श्रीमती वैशाली वर्मा, पंकज पांडे और अन्य कार्मिक शामिल थे। जिलाधिकारी ने इनके एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कार्यालय में स्वच्छता बनाए रखने, सरकारी दस्तावेजों के व्यवस्थित प्रबंधन, और सभी कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने प्रशासकीय कार्यों की निगरानी और वित्तीय मामलों की समीक्षा के लिए समिति गठन करने का भी आदेश दिया।
जिलाधिकारी ने कहा, “कार्यालयों में अनुशासन और स्वच्छता बनाए रखना सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी है। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
जिलाधिकारी के इस कदम से पिथौरागढ़ के सरकारी विभागों में जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।