रिपोर्टिंग टीम ,हिंदी न्यूज़
सुंदरखाल, रामनगर: उत्तराखंड के वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाने की मांग लंबे समय से चली आ रही है। इसी कड़ी में देवीचौड़ा खत्ता और वन ग्राम सुंदरखाल को वनाधिकार कानून 2006 के तहत राजस्व ग्राम घोषित किए जाने को लेकर ग्राम वन समिति के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसी क्रम में मंगलवार को प्राइमरी स्कूल सुंदरखाल में ग्रामीणों की एक बैठक आयोजित हुई, जिसमें वन ग्राम समिति का गठन किया गया। बैठक में सहायक समाज कल्याण अधिकारी इंद्रजीत गौतम और ग्राम पंचायत अधिकारी उमेश जोशी मौजूद रहे।
बैठक में वर्षों से वन क्षेत्र में निवास कर रहे ग्रामीणों को मुख्यधारा में शामिल करने और उनकी भूमि पर अधिकार सुनिश्चित करने को लेकर चर्चा हुई। सर्वसम्मति से 15 सदस्यीय ग्राम वन समिति का गठन किया गया। समिति में प्रेम राम को अध्यक्ष और नंद किशोर को सचिव चुना गया, जबकि मंजू देवी, सोनी देवी, जैतूली देवी, मधुली देवी, इंद्रलाल, चंद्रावती, पूरन राम, उत्तम चंद्र, कमला देवी, मीरा देवी, खीमराम, पूरन राम और जगदीश चंद्र को सदस्य नियुक्त किया गया।
बैठक में रामगढ़ से पहुंचे वन पंचायत संघर्ष मोर्चा के गोपाल लोदियाल ने बताया कि वनाधिकार कानून 2006 उन परिवारों को चार हेक्टेयर तक भूमि पर मालिकाना हक और वन उत्पादों के उपयोग का अधिकार देता है, जो पिछली तीन पीढ़ियों से वन क्षेत्र में निवास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसी कानून के तहत रामपुर, चोपड़ा, लेटी बिंदुखत्ता आदि गांवों को राजस्व ग्राम बनाने की प्रक्रिया अपनाई गई है, और अब सुंदरखाल व देवीचौड़ा खत्ता को भी इस प्रक्रिया में शामिल करने की जरूरत है।
समाजवादी लोकमंच के संयोजक मुनीष कुमार ने कहा कि उत्तराखंड में लाखों लोग वन भूमि पर निवास कर रहे हैं, लेकिन सरकारें वनाधिकार कानून को पूरी तरह से लागू करने में असफल रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक दल वन भूमि पर निवास करने वाले लोगों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन उनके अधिकारों को देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे।
महिला एकता मंच की कौशल्या ने वनग्रामों की दयनीय स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “यह कैसा लोकतंत्र है जिसमें हम सांसद और विधायक तो चुन सकते हैं, लेकिन हमें अपने गांव के विकास के लिए ग्राम प्रधान और वीडीसी सदस्य चुनने का अधिकार नहीं दिया गया?” उन्होंने सरकार से वन ग्रामों के लोगों को पंचायत स्तर पर मतदान का अधिकार देने की मांग की।
ग्राम वन समिति के नवनियुक्त अध्यक्ष प्रेमराम ने प्रशासनिक अधि कारियों का आभार जताते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सुंदरखाल व देवीचौड़ा खत्ता में बरसों से रह रहे ग्रामीणों को मुख्यधारा में शामिल करने और उनके गांव को राजस्व ग्राम घोषित करने में प्रशासन अपना सहयोग जारी रखेगा।
बैठक में रेवाराम, ललित उप्रेती, सरस्वती, जानकी लोहिया, मालती देवी, तुलसी, मधु देवी, चंद्रकिशोर, सरिता, संतोषी, लक्ष्मी, पूजा, केशव चंद्र सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता पूरन राम ने की।
वन ग्राम समिति अब इस मुद्दे को लेकर आगे की रणनीति बनाएगी और स्थानीय प्रशासन से मिलकर अपनी मांगों को मजबूती से रखेगी। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो वे उग्र आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे।