उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने ग्रामीणों पर मुकदमे की निंदा की, सरकार से समाधान की मांग

रिपोर्ट,मतलुब अहमद 

हल्द्वानी। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी (उपपा) ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन द्वारा आदमखोर बाघ को पकड़ने और जंगली जानवरों से सुरक्षा की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे ग्रामीणों पर मुकदमा दर्ज किए जाने की कड़ी निंदा की है। पार्टी ने इसे जनता के उत्पीड़न की कार्रवाई करार देते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की है।

उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के प्रधान महासचिव एवं राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी ने इस मामले पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण लंबे समय से जंगली जानवरों से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन और वन विभाग उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहा है। इसके चलते ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ रहा है, जो किसी भी समय विस्फोटक रूप ले सकता है। उन्होंने कहा कि जनता की मांगों को नजरअंदाज करना और उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज करना समस्याओं का समाधान नहीं है, बल्कि यह आग में घी डालने जैसा काम है, जिससे जनता और प्रशासन के बीच की दूरी और अधिक बढ़ जाएगी

प्रभात ध्यानी ने कहा कि राज्य में मानव-वन्यजीव संघर्ष लगातार बढ़ रहा है, लेकिन वन विभाग, प्रशासन और सरकार की कार्यप्रणाली में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है। यदि शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधि इसी तरह जनता की समस्याओं की अनदेखी करते रहे तो लोगों का सरकार पर से विश्वास उठ जाएगा, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए उचित नहीं होगा।

उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने साफ कहा कि वह ग्रामीणों के इस आंदोलन के साथ खड़ी है और उनकी मांगों का समर्थन करती है। ध्यानी ने सरकार से मांग की कि सांवल्दे, ओखलडूंगा सहित प्रदेश के अन्य इलाकों में आंदोलनरत ग्रामीणों पर दर्ज किए गए मुकदमों को तुरंत वापस लिया जाए। साथ ही, प्रशासनिक और वन विभाग के अधिकारियों को जनता के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुननी चाहिए और जल्द से जल्द ठोस समाधान निकालना चाहिए, ताकि वन्यजीवों के खतरे से जनता को सुरक्षा मिल सके।

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी बड़े स्तर पर आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगी।

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