उत्तराखंड में सख्त भू-कानून लागू: राज्य की संस्कृति और मूल स्वरूप की रक्षा के लिए ऐतिहासिक कदम

रिपोर्टिंग टीम, हिंदी न्यूज़

देहरादून,प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांग और उनकी भावनाओं का पूरी तरह सम्मान करते हुए उत्तराखंड कैबिनेट ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी है। यह ऐतिहासिक कदम राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा, साथ ही प्रदेश की मूल पहचान को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस निर्णय को प्रदेश की जनता के हित में उठाया गया एक ठोस कदम बताया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनता के विश्वास को कभी टूटने नहीं देगी और इस कानून के माध्यम से उत्तराखंड की सांस्कृतिक और भौगोलिक विशिष्टता को संरक्षित किया जाएगा।

भू-कानून के मुख्य प्रावधान:

1. “बाहरी व्यक्तियों की भूमि खरीद पर प्रतिबंध”हरिद्वार और उधम सिंह नगर को छोड़कर, उत्तराखंड के 11 जिलों में राज्य के बाहर के व्यक्ति हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर की भूमि नहीं खरीद पाएंगे।

2.”पहाड़ों में चकबंदी और बंदोबस्ती”पहाड़ी इलाकों में भूमि का सही उपयोग सुनिश्चित करने और अतिक्रमण रोकने के लिए चकबंदी और बंदोबस्ती की जाएगी।

3. “जिलाधिकारियों के अधिकार सीमित”अब जिलाधिकारी व्यक्तिगत रूप से भूमि खरीद की अनुमति नहीं दे पाएंगे। सभी मामलों की निगरानी सरकार द्वारा बनाए गए ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से होगी।

4. “ऑनलाइन पोर्टल से निगरानी” प्रदेश में जमीन खरीद के लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा, जहां राज्य के बाहर के किसी भी व्यक्ति द्वारा की गई जमीन खरीद को दर्ज किया जाएगा।

5. “शपथ पत्र अनिवार्य “राज्य के बाहर के लोगों को जमीन खरीदने के लिए शपथ पत्र देना अनिवार्य होगा, जिससे फर्जीवाड़ा और अनियमितताओं को रोका जा सके।

6. “नियमित रिपोर्टिंगअनिवार्य”सभी जिलाधिकारियों को राजस्व परिषद और शासन को भूमि खरीद से जुड़ी रिपोर्ट नियमित रूप से सौंपनी होगी।

7. “नगर निकाय सीमा में भूमि उपयोग नियंत्रण”नगर निकाय सीमा के अंतर्गत आने वाली भूमि का उपयोग केवल निर्धारित भू उपयोग के अनुसार ही किया जा सकेगा।

8. “नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई”यदि किसी व्यक्ति ने नियमों के खिलाफ जमीन का उपयोग किया, तो वह जमीन सरकार में निहित हो जाएगी।

भु-कानून के लाभ:बाहरी लोगों द्वारा उत्तराखंड में अंधाधुंध भूमि खरीद पर रोक लगेगी।पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि का बेहतर प्रबंधन होगा, जिससे स्थानीय निवासियों को अधिक लाभ मिलेगा।भूमि की कीमतों में अप्राकृतिक बढ़ोतरी पर नियंत्रण रहेगा, जिससे राज्य के मूल निवासियों को भूमि खरीदने में सहूलियत होगी।सरकार को भूमि खरीद-बिक्री पर अधिक नियंत्रण प्राप्त होगा, जिससे अनियमितताओं पर रोक लगेगी।

इस कानून के लागू होने से उत्तराखंड के स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा होगी और राज्य की सांस्कृतिक एवं भौगोलिक संरचना को सुरक्षित रखा जा सकेगा। सरकार का यह फैसला प्रदेश के विकास और जनता की आकांक्षाओं को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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