रिपोर्ट,मतलुब अहमद
मधुबनी, मधुबनी रेलवे स्टेशन पर 10 फरवरी को हुए तोड़फोड़ के मामले में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने एक किशोर को गिरफ्तार किया है। इस घटना में स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 12561) के एसी कोच की 73 कांच की खिड़कियों को नुकसान पहुंचाया गया था। रेलवे अधिनियम की धारा 153 सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर, अन्य दोषियों की पहचान के प्रयास जारी हैं।
बताते चलें कि 10 फरवरी को, कुछ असामाजिक तत्वों ने मधुबनी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन संख्या 12561 स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस (जयनगर-नई दिल्ली) के एसी कोच में तोड़फोड़ की। इस घटना से यात्रियों के बीच दहशत फैल गई। चूंकि मधुबनी स्टेशन पर आरपीएफ या जीआरपी की स्थायी चौकी नहीं है, उपद्रवियों ने इस स्थिति का लाभ उठाकर रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और मौके से फरार हो गए।
घटना की गंभीरता को देखते हुए, आरपीएफ पूर्व मध्य रेलवे ने दरभंगा आरपीएफ चौकी में अपराध संख्या 168/2025 दर्ज किया। इस मामले में रेलवे अधिनियम की धारा 145 (बी), 146, 153 और 174 (ए) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। आरपीएफ ने एक विशेष टीम गठित कर जांच शुरू की।
तकनीकी साक्ष्यों और सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर, एक किशोर की पहचान कर उसे गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के दौरान उसने अपनी संलिप्तता स्वीकार की है । अन्य दोषियों की तलाश में जांच जारी है।
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों और आम जनता से अपील की है कि वे रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से बचें। रेलवे राष्ट्रीय संपत्ति है और इसे क्षति पहुंचाना गैरकानूनी कृत्य है। रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 153 के तहत, रेलवे यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालने वाले अपराधों के लिए पांच साल तक की जेल हो सकती है। वहीं, धारा 174 (ए) के तहत, ट्रेन संचालन में बाधा पहुंचाने पर दो साल तक की कैद और दो हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
रेलवे सुरक्षा बल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार और जीआरपी अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर आवश्यक सुरक्षा उपाय कर रहा है। रेलवे ने चेतावनी दी है कि किसी भी गैरकानूनी गतिविधि में संलिप्त पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।