नई दिल्ली:हिन्दी न्यूज़ ,केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में सड़क दुर्घटनाओं को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश में हर साल 4.8 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें 1.8 लाख लोगों की मौत हो जाती है। यह आंकड़ा दुनिया में सबसे अधिक हो सकता है।
गडकरी ने इन हादसों के पीछे की सबसे बड़ी वजह सड़क इंजीनियरिंग में खामियां बताई हैं। उन्होंने कहा कि डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार करने वाले सिविल इंजीनियर इन हादसों के लिए सबसे महत्वपूर्ण दोषी हैं। उन्होंने कहा,“मैं सभी इंजीनियरों को दोषी नहीं ठहराता, लेकिन मेरे 10 साल के अनुभव में यह स्पष्ट हुआ है कि सबसे बड़ी गलती वे इंजीनियर कर रहे हैं जो डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। इन रिपोर्टों में हजारों गलतियां होती हैं, जो दुर्घटनाओं का बड़ा कारण बनती हैं।”
भारत में सड़क हादसे लगातार बढ़ रहे हैं और यह एक गंभीर राष्ट्रीय समस्या बन चुकी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार,हर साल 4.8 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं,हर दिन औसतन 1,317 हादसे होते हैं,1.8 लाख लोगों की हर साल सड़क हादसों में जान चली जाती है,प्रति दिन करीब 493 लोगों की मौत होती है। 50% से ज्यादा हादसे खराब सड़क डिजाइन और ट्रैफिक इंजीनियरिंग की गलतियों की वजह से होते हैं।
गडकरी ने कहा कि देश में कई सड़कें खराब डिजाइन और इंजीनियरिंग खामियों के कारण खतरनाक बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि सड़कों पर ब्लाइंड स्पॉट, गलत कटाव, अव्यवस्थित मोड़, सही ड्रेनेज सिस्टम की कमी और सड़क किनारे खड़े बिजली के खंभे और अवैध निर्माण दुर्घटनाओं की बड़ी वजह बनते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि कई बार निर्माण के दौरान खराब गुणवत्ता की सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे सड़कें जल्दी खराब हो जाती हैं और हादसों की संभावना बढ़ जाती है। गडकरी ने कहा, “अगर सिविल इंजीनियरिंग की खामियां दूर कर दी जाएं, तो सड़क दुर्घटनाओं में 50% तक की कमी लाई जा सकती है।
केंद्र सरकार देशभर में ब्लैक स्पॉट्स की पहचान कर उन्हें सुधारने के लिए काम कर रही है। ब्लैक स्पॉट्स वे स्थान होते हैं जहां बार-बार सड़क हादसे होते हैं।सरकार ने 3,700 से ज्यादा ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की है,इन स्थानों पर सुधार कार्य के लिए 15,000 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।रिफ्लेक्टिव साइनेज, उचित स्ट्रीट लाइटिंग, रोड डिवाइडर और स्पीड कंट्रोल सिस्टम लगाने का काम किया जा रहा है।गडकरी ने कहा कि गलत तरीके से बने हाईवे और फ्लाईओवर को भी सुधारा जाएगा ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
गडकरी ने बताया कि सरकार सड़क सुरक्षा में आधुनिक तकनीकों को शामिल कर रही है, जैसे:इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) – ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए AI और कैमरा आधारित निगरानी।रोड सेफ्टी ऑडिट सभी हाईवे और सड़कों का सेफ्टी ऑडिट करवाना अनिवार्य किया जा रहा है। ड्राइविंग लाइसेंस सिस्टम को सख्त बनाना – ड्राइविंग टेस्ट को और कठिन बनाया जा रहा है ताकि केवल योग्य लोग ही लाइसेंस प्राप्त कर सकें।फाइव स्टार सेफ्टी स्टैंडर्ड, भारत में बनने वाली सभी गाड़ियों के लिए सेफ्टी स्टैंडर्ड अनिवार्य किए जा रहे हैं।बाइक और कार चालकों के लिए हेलमेट और सीट बेल्ट अनिवार्य – ट्रैफिक पुलिस द्वारा सख्ती से लागू किया जाएगा।
नितिन गडकरी ने राज्यों, इंजीनियरों और जनता से अपील की कि वे सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें और सुरक्षित इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में योगदान दें। उन्होंने कहा कि अगर सही प्लानिंग और इंजीनियरिंग हो, तो सड़क हादसों को 50% तक कम किया जा सकता है।
उन्होंने सिविल इंजीनियरों से कहा कि वे,रोड डिजाइन को सुधारें और ब्लाइंड स्पॉट्स को खत्म करें।सही ड्रेनेज सिस्टम और रोड मटेरियल का इस्तेमाल करें।फ्लाईओवर और अंडरपास डिजाइन में सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें।स्मार्ट ट्रैफिक लाइट्स और साइनेज बोर्ड लगाना अनिवार्य करें।
भारत में सड़क हादसे एक गंभीर समस्या बन चुके हैं। नितिन गडकरी ने इसके लिए सिविल इंजीनियरिंग की खामियों को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि जब तक सही प्लानिंग और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल नहीं होगा, दुर्घटनाएं कम नहीं होंगी।
सरकार ने ब्लैकस्पॉटसुधार,आधुनिक सड़क डिजाइन और सुरक्षा उपायों को लागू करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है, लेकिन इसमें जनता और इंजीनियरों दोनों की भागीदारी जरूरी है।