वॉशिंगटन/नई दिल्ली।हिन्दी न्यूज़, भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर ने 9 महीने के लंबे अंतरिक्ष मिशन के बाद सफलता पूर्वक पृथ्वी पर वापसी की है। स्पेस एक्स का ड्रैगन फ्रीडम कैप्सूल उन्हें अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से लेकर आया और फ्लोरिडा के अटलांटिक महासागर में सुरक्षित स्प्लैशडाउन किया।
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने 5 जून 2024 को बोइंग स्टारलाइनर के जरिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरी थी। यह मिशन केवल 8 दिनों का था, लेकिन तकनीकी खामियों के कारण उन्हें अंतरिक्ष में 9 महीने बिताने पड़े।
मिशन के दौरान, स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान के थ्रस्टर में खराबी आ गई थी, जिससे उनकी वापसी में देरी हुई। अंतरिक्ष यान की मरम्मत और अन्य तकनीकी समस्याओं के चलते यह मिशन उम्मीद से कहीं अधिक लंबा हो गया। आखिरकार, नासा और स्पेसएक्स की टीम ने ड्रैगन फ्रीडम कैप्सूल के जरिए उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की।
भारतीय समयानुसार, 19 मार्च 2025 को सुबह 3:27 बजे, स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान ने फ्लोरिडा के समुद्र में सफल लैंडिंग की। नासा और स्पेसएक्स की टीम ने दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को कैप्सूल से बाहर निकालकर मेडिकल परीक्षण किया, जहां वे स्वस्थ पाए गए।
यह मिशन सुनीता विलियम्स की तीसरी अंतरिक्ष यात्रा थी। इससे पहले, वह 2006-07 में पहली बार ISS पर गई थीं और फिर 2012 में दूसरी बार अंतरिक्ष यात्रा की थी। उनकी कुल अंतरिक्ष अवधि 300 दिन से अधिक हो गई है।
सुनीता विलियम्स ने इस मिशन के दौरान कई वैज्ञानिक प्रयोग किए और अंतरिक्ष में जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण शोधों में भाग लिया। उनकी वापसी के साथ ही यह मिशन सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।
भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की 9 महीने के अंतरिक्ष मिशन के बाद सफल वापसी पर भारत में जश्न का माहौल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई नेताओं और वैज्ञानिकों ने सुनीता को बधाई दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनीता विलियम्स को एक विशेष पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने लिखा:”भले ही आप हजारों मील दूर हों, लेकिन आप हमारे दिलों के बहुत करीब हैं। आपकी वापसी के बाद हम भारत में आपसे मिलने को उत्सुक हैं।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी उनकी उपलब्धि को साहस और धैर्य की मिसाल बताया। उन्होंने कहा:“नासा के क्रू-9 की धरती पर सुरक्षित वापसी से बहुत खुशी हुई! भारत की बेटी सुनीता विलियम्स और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों ने अंतरिक्ष में मानव धैर्य और दृढ़ता के इतिहास को फिर से लिखा है।
सुनीता विलियम्स के पैतृक गांव मेहसाणा (गुजरात) में भी जश्न का माहौल है। उनके परिवार और गांववालों ने पूजा-पाठ और मिठाइयां बांटकर इस पल को सेलिब्रेट किया। गांव के बुजुर्गों और बच्चों ने उनकी सफल वापसी पर गर्व व्यक्त किया। इसरो (ISRO) के पूर्व प्रमुख के. सिवन ने भी उनकी इस यात्रा को ऐतिहासिक बताया।
कयास लगाए जा रहे हैं कि सुनीता विलियम्स जल्द ही भारत का दौरा कर सकती हैं, जहां वह इसरो और भारतीय वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करेंगी।नासा और स्पेसएक्स के इस सफल मिशन ने अंतरिक्ष अनुसंधान में एक नया अध्याय जोड़ा है और भविष्य में और भी लंबी मानव अंतरिक्ष यात्राओं की संभावनाओं को मजबूत किया है।