कॉर्बेट पार्क में क्षमता से चार गुना अधिक टाइगर ,पार्क प्रशासन

हल्द्वानी।हिन्दी न्यूज़ संयुक्त संघर्ष समिति ने उपजिलाधिकारी कार्यालय पर धरना देकर जंगली जानवरों व बंदरों से सुरक्षा, सांवल्दे के ग्रामीणों पर कॉर्बेट प्रशासन द्वारा लगाए गए फर्जी मुकदमे वापस लेने और प्रशासन की लापरवाही पर कार्रवाई की मांग की। समिति ने जंगली जानवरों के हमले में मृतकों के परिजनों को 25 लाख और घायलों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने व सरकारी खर्च पर इलाज कराने की भी मांग की।

धरने के दौरान समिति के प्रतिनिधि मंडल और पार्क प्रशासन के बीच वार्ता हुई। कॉर्बेट पार्क के निदेशक साकेत बड़ौला ने जंगली जानवरों की समस्या को स्वीकार करते हुए कहा कि पार्क में क्षमता से अधिक टाइगर हैं। उन्होंने बताया कि इन अतिरिक्त बाघों को दूसरे टाइगर रिजर्व में भेजने के लिए प्रयास किया गया, लेकिन किसी भी रिजर्व ने उन्हें लेने में रुचि नहीं दिखाई। अब पार्क प्रशासन के पास इन्हें राजाजी पार्क भेजने का विकल्प बचा है।

निदेशक ने ग्रामीणों से सामंजस्य बनाकर समस्या के समाधान की अपील की और कहा कि उनकी मांगें शासन तक पहुंचाई जाएंगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि जंगली जानवरों से होने वाली किसी भी समस्या पर तुरंत सहायता दी जाएगी और सांवल्दे के ग्रामीणों पर दर्ज मुकदमों का समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा।

धरना स्थल पर ग्रामीणों ने मांग की कि उन पर लगे फर्जी मुकदमे तुरंत वापस लिए जाएं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसी ग्रामीण की गिरफ्तारी की गई, तो वे ‘जेल भरो आंदोलन’ शुरू करेंगे और उत्तराखंड की जेलों को भर देंगे।

संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक ललित उप्रेती ने कहा कि कॉर्बेट पार्क की धारण क्षमता से चार गुना अधिक टाइगर हैं। यदि दूसरे टाइगर रिजर्व उन्हें लेने को तैयार नहीं हैं, तो उनकी बैलेंस हंटिंग कर उनकी संख्या को सीमित किया जाए। उन्होंने कहा कि इंसानों की सुरक्षा से बढ़कर किसी भी शर्त पर टाइगर संरक्षण स्वीकार नहीं किया जाएगा।

संयुक्त संघर्ष समिति ने घोषणा की कि आंदोलन की अगली रणनीति 7 अप्रैल को सांवल्दे पश्चिम गांव में आयोजित बैठक में तय की जाएगी।

कार्यक्रम का संचालन तारा बेलवाल ने किया। इस अवसर पर महिला एकता मंच की ललिता रावत, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की तुलसी छिंवाल, समाजवादी लोकमंच के मुनीष कुमार, वन अधिकार समिति (देवीचौड़ा, सुंदर खाल) के अध्यक्ष प्रेम आर्य, भाकपा-माले के अमन, इंकलाबी मजदूर केंद्र के भूवन, कवि गिरीश बौड़ाई, भूवन आर्य आदि ने सभा को संबोधित किया।

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