मालधन (नैनीताल)हिन्दी न्यूज़ महिला एकता मंच के बैनर तले “नशा नहीं, इलाज दो” अभियान के अंतर्गत मालधन में शराब की दुकान के विरोध में महिलाओं का धरना लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि शराब की दुकान को तत्काल बंद किया जाए और क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
धरने के दौरान उस समय तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई जब मालधन चौकी की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर धरना समाप्त करने का दबाव बनाया। इस पर महिलाओं और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। बावजूद इसके, महिलाएं अपने आंदोलन पर अडिग रहीं और उन्होंने दो टूक कहा कि वे तब तक पीछे नहीं हटेंगी जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं।
धरना स्थल पर सभा को संबोधित करते हुए भगवती आर्य ने कहा, “पुलिस के जरिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हमारी आवाज दबाना चाहते हैं, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। अगर शराब की दुकान बंद नहीं हुई तो जनता सड़कों पर उतरकर चक्का जाम करेगी और उसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से भाजपा सरकार की होगी।”
विनीता ने पंचायत चुनाव को लेकर नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा, “आज जब आंदोलन की जरूरत है तो प्रधान व बीडीसी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे लोग नदारद हैं। चुनाव के वक्त वे वोट मांगने आएंगे, तब जनता उन्हें जरूर सबक सिखाएगी।”
देवी आर्य ने सरकार की कथनी और करनी पर सवाल उठाते हुए कहा, “मुख्यमंत्री ने शराब की नई दुकानें बंद करने की घोषणा की थी, लेकिन इसके बावजूद दुकान चालू है। दूसरी ओर, हमारे सरकारी अस्पताल में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं तक नहीं हैं – न एक्सरे, न अल्ट्रासाउंड, न डॉक्टर, न पैरामेडिकल स्टाफ। सरकार इलाज देने की बजाय शराब बेच रही है।”
सभा में सरस्वती जोशी, आनंदी, देसी, पूजा, रजनी, कौशल्या चुनियाल, नीतु, भगवती, पुष्पा, जय प्रकाश, मुनीश कुमार, शंकर लाल, हरिश चंद्र समेत कई वक्ताओं ने सरकार की नीतियों की आलोचना की और आंदोलन को और तेज़ करने का आह्वान किया।
गौरतलब है कि”नशा नहीं, इलाज दो” आंदोलन अब एक सामाजिक संघर्ष का रूप ले चुका है। महिलाएं सरकार से जवाब चाहती हैं – स्वास्थ्य सुविधा चाहिए या शराब? यदि शासन ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो यह आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है।