मालधन में महिलाओं का शराब विरोधी आंदोलन सफल, दुकान बंद करने पर प्रशासन सहमत

नैनीताल रामनगर,हिंदी न्यूज़ मालधन क्षेत्र की महिलाओं ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि संगठित जनआंदोलन के सामने कोई भी प्रशासनिक ताकत टिक नहीं सकती। महिला एकता मंच के आह्वान पर आज बड़ी संख्या में महिलाओं, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने मालधन में हाल ही में खोली गई शराब की दुकान के विरोध में चक्का जाम कर जोरदार धरना प्रदर्शन किया।

सुबह से ही शराब की दुकान के बाहर महिलाओं ने धरना शुरू कर दिया। प्रशासन और भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और महिला प्रदर्शनकारियों को मुकदमे और कार्रवाई की धमकी दी गई, लेकिन महिलाओं ने अपने आंदोलन को जारी रखते हुए स्पष्ट कहा कि वे जेल जाने और लाठी खाने के लिए भी तैयार हैं।

महिलाओं की अडिगताऔरजनदबाव के चलते अंततः उपजिलाधिकारी प्रमोद कुमार ने जनभावनाओं का सम्मान करते हुए तत्काल प्रभाव से शराब की दुकान पर तालाबंदी कर दी। साथ ही उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यदि किसी भी स्थान पर कच्ची शराब बेची जाती है, तो उसकी सूचना मिलते ही कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उपजिलाधिकारी ने मालधन के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य सुविधाएं जैसे कि डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड और इमरजेंसी सेवाओं की व्यवस्था के लिए रामनगर के चिकित्सा अधीक्षक से बातचीत कर शीघ्र समाधान निकालने का वादा किया।

“आंदोलन को मिली जीत, महिलाओं ने कहा – “नशा नहीं इलाज दो” अभियान रहेगा जारी”

प्रदर्शनकारियों ने प्रशासनिक घोषणा के बाद धरना और चक्का जाम को स्थगित करते हुए इसे मालधन की जनता की जीत बताया। सभा का संचालन सरस्वती जोशी ने किया और मालधन की जनता, सहयोगी संगठनों और जनप्रतिनिधियों का आभार प्रकट किया।

सभा को समाजवादी लोक मंच के मुनिश कुमार,उपपा नेताप्रभातध्यानी, इंकलाबी मजदूर केंद्र के रोहितरुहेला, ग्राम प्रधान पुष्पा, हरीश लाला,कांग्रेस नेता रंजीत रावत, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की तुलसी, महिला एकता मंच की ललिता रावत, पुष्पा चंदोला, विनीता और भगवती आदि ने संबोधित किया।

सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड की जनता को रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं चाहिए, लेकिन भाजपा सरकार गांव-गांव शराब पहुंचा रही है और युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रही है। मालधन में इलाज मांगा जा रहा है, लेकिन सरकार नशा दे रही है।

महिलाओं ने चेतावनी दी कि भविष्य में यदि मालधन में किसी भी स्थान पर शराब की दुकान खोलने का प्रयास किया गया, तो पहले से भी बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा।

इस जनआंदोलन में मालधन क्षेत्र के कोने-कोने से आए ग्रामीणों,विशेषकर महिलाओं की भारी भागीदारी रही और यह आंदोलन स्थानीय जनता की एकजुटता का प्रतीक बन गया।

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