रामनगर नैनीताल हिंदी न्यूज़ मालधन में शराब की दुकान को लेकर उपजा विवाद अब एक जनांदोलन का रूप लेता जा रहा है। महिला एकता मंच ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता कर राज्य सरकार, प्रशासन और भाजपा नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए और शराब नीति के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए आगामी 13 मई से चक्का जाम की चेतावनी दी।
प्रेस वार्ता में मंच की सदस्यों ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में हर साल 1.22 लाख लोग शराब के सेवन से अपनी जान गंवा देते हैं। शराब सड़क हादसों के 40 प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार है। इसके बावजूद भाजपा नेता और प्रशासन शराब की दुकानों को खोलने की वकालत कर रहे हैं, जो बेहद निंदनीय है।
महिला एकता मंच ने आरोप लगाया कि मालधन क्षेत्र में जो शराब की दुकान खोली गई है, वह मूल रूप से हाथी डगर के लिए आबंटित थी। लेकिन भाजपा नेत्री दीपा भारती ने अपनी पहुंच और राजनीतिक दबाव का इस्तेमाल कर उस दुकान को गैरकानूनी तरीके से गोपालनगर मालधन स्थित अपने घर पर खुलवाया। आरोप है कि इसमें उन्हें मोटा किराया और कमीशन मिल रहा है।
मंच की महिलाओं ने कहा कि उत्तराखंड की नई आबकारी नीति 2025-26 की धारा 32 के तहत शराब पीने की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष तय की गई है, लेकिन मालधन की दुकान पर इसका उल्लंघन खुलेआम हो रहा है। दुकानदार युवाओं को आकर्षित करने के लिए विज्ञापन लगा रहे हैं और नाबालिगों को भी शराब बेची जा रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार 500 प्रतिशत तक का मुनाफा व टैक्स वसूल रही है। मेकडबल रम की 750 एमएल बोतल की उत्पादन लागत 105 रुपये है, लेकिन बाजार में उसे 660 रुपये में बेचा जा रहा है। मालधन की इस दुकान से सरकार ने 2 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य रखा है, जिसे पूरा करने के लिए जनता को नशे की ओर धकेला जा रहा है।
प्रेस वार्ता में संविधान के अनुच्छेद 47 का हवाला देते हुए कहा गया कि राज्य का कर्तव्य है कि वह नागरिकों के पोषण, जीवन स्तर और स्वास्थ्य में सुधार करे तथा मादक पेयों पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास करे। लेकिन भाजपा सरकार इसके उलट कार्य कर रही है।
महिला एकता मंच ने यह भी आरोप लगाया कि मालधन के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की हालत दयनीय है। पिछले 5 वर्षों से वहां बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आंदोलन चल रहा है। अब तक 42 शिकायतें मुख्यमंत्री पोर्टल पर की जा चुकी हैं, लेकिन समाधान नहीं हुआ। मंच ने मांग की कि वहां सर्जन, निश्चेतक, पैरामेडिकल स्टाफ, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड और 24 घंटे इमरजेंसी सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
उन्होंने मांग की कि हाल ही में राज्य में नियुक्त किए गए 34 एक्सरे तकनीशियनों में से एक को मालधन भेजा जाए और वहां की डम्प एक्सरे मशीन को चालू किया जाए। मंच ने बताया कि 3 मई कोउपजिलाधिकारी द्वारा दुकान पर ताला लगाकर आश्वासन दिया गया था कि स्वास्थ्य सेवाओं पर सीएमएस से वार्ता कराई जाएगी और कच्ची शराब के खिलाफ अभियान चलेगा। लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे स्पष्ट है कि प्रशासन शराब माफियाओं के दबाव में काम कर रहा है।
महिला एकता मंच ने ऐलान किया कि उनका “नशा नहीं, इलाज दो” अभियान और तेज किया जाएगा। 9 मई को एसडीएम कार्यालय पर धरना दिया जाएगा और अगर 12 मई तक 3 सूत्रीय मांगों का समाधान नहीं मिला तो 13 मई से चक्का जाम किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
प्रेस वार्ता में देवी आर्य, रजनी, कौशल्या, शिवानी, उषा पटवाल और सरस्वती जोशी मौजूद रहीं।