संयुक्त संघर्ष समिति ने वन गूजरों की बेदखली को बताया गैरकानूनी, कार्रवाई रोकने की मांग

रामनगर,हिंदी न्यूज। संयुक्त संघर्ष समिति ने तुमड़िया खत्ता और कुमगडार क्षेत्र में वन विभाग द्वारा वन गूजरों के खिलाफ की जा रही बेदखली की कार्रवाई को गैरकानूनी करार देते हुए इसे तत्काल रोकने की मांग की है। समिति ने वन विभाग पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना का आरोप लगाया है।

समिति के संयोजक ललित उप्रेती ने बताया कि कंजरवेटर हल्द्वानी द्वारा 11 मई को वन गूजरों के खिलाफ बेदखली का आदेश पारित किया गया था, जिसे गूजरों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले की सुनवाई के लिए 11 जून की तारीख तय की गई है। इसके बावजूद वन विभाग ने भारी पुलिस बल के साथ गैरकानूनी रूप से गूजरों की खेती योग्य भूमि पर कब्जा कर लिया। उप्रेती ने कहा कि यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का उल्लंघन है, जिसमें बेदखली से पहले 15 दिन का नोटिस देना अनिवार्य है।

वन पंचायत संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष तरुण जोशी ने बताया कि तुमड़िया खत्ता में वनाधिकार कानून 2006 के तहत समाज कल्याण विभाग द्वारा ग्राम स्तरीय वन समिति का गठन किया जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून के दायरे में आने वाले लोगों की बेदखली पर रोक लगाई है। उन्होंने कहा कि 22 मई को हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान सरकारी वकील को बेदखली रोकने का मौखिक आदेश दिया था, जिसकी सूचना रामनगर डीएफओ को दी गई। फिर भी, वन विभाग ने हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना करते हुए कार्रवाई जारी रखी।

वन गूजर नेता मोहम्मद शफी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार चुन-चुनकर मुस्लिम वन गूजरों को निशाना बना रही है, जो संविधान और कानून का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि वन गूजरों के पास इस क्षेत्र में आजादी से पहले के निवास और चराई के प्रमाण हैं, जबकि वन विभाग ने 1965 में इस क्षेत्र को रिजर्व घोषित किया, बिना वन कानून 1927 की प्रक्रियाओं का पालन किए। इसलिए, गूजरों को अतिक्रमणकारी बताना गैरकानूनी है।

समाजवादी लोक मंच के संयोजक मुनीष कुमार ने वन विभाग पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि वह न तो सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों का पालन कर रहा है और न ही कंजरवेटर के निर्देशों का। उन्होंने बताया कि कंजरवेटर ने मोहम्मद शफी की 1.39 हेक्टेयर भूमि की बेदखली का आदेश दिया था, जबकि वह 2.82 हेक्टेयर भूमि पर वर्षों से खेती और पशुपालन कर रहे हैं। 2005 के सैटेलाइट मानचित्र में भी उनकी इस भूमि की पुष्टि होती है। फिर भी, वन विभाग ने उनके घर और गौशाला को छोड़कर बाकी भूमि पर गैरकानूनी कब्जा कर लिया।

मुनीष कुमार ने कहा कि वन विभाग ने पुलिस बल का दुरुपयोग कर कंजरवेटर के आदेश से अधिक भूमि पर कब्जा किया है। उन्होंने चेतावनी दी कि वन विभाग और भाजपा सरकार की तानाशाही के खिलाफ जनता का संघर्ष जारी रहेगा।

संयुक्त संघर्ष समिति ने वन विभाग से बेदखली की कार्रवाई तत्काल रोकने और कानून का पालन करने की मांग की है

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