नैनीताल ,हिंदी न्यूज। हल्द्वानी के रामलीला मैदान में रविवार, 1 जून को कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित ‘जय हिंद सभा’ में भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में प्रदर्शित अदम्य साहस और वीरता को श्रद्धांजलि दी गई। इस विशाल आयोजन में उत्तराखंड सहित कुमाऊं-गढ़वाल क्षेत्र से बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता, पूर्व सैनिक, और स्थानीय जनता शामिल हुई। सभा में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा और सेना के सम्मान में एकजुटता का संदेश दिया।कार्यक्रम में प्रमुख नेताओं की मौजूदगीसभा में उत्तराखंड कांग्रेस के प्रमुख चेहरों ने शिरकत की, जिनमें शामिल रहे प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ,पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ,नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य राष्ट्रीय महासचिव काजी निजामुद्दीन ,रिटायर्ड सैन्य अधिकारी और कांग्रेस नेता कर्नल रोहित चौधरी ,हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश ,पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल,उत्तराखंड कांग्रेस सहप्रभारी सुरेंद्र शर्मा साथ ही कुमाऊं-गढ़वाल के कई विधायक और कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
सभा को संबोधित करते हुए नेताओं ने भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को देश के लिए गौरव का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि सेना ने आतंकवादियों और उनकी पनाहगाह पाकिस्तानी सेना को मुंहतोड़ जवाब देकर भारत की संप्रभुता और आत्मसम्मान की रक्षा की। हरीश रावत ने कहा, “हमारी सेना ने हर संकट में देश की सीमाओं की रक्षा की है। ऑपरेशन सिंदूर इसकी मिसाल है, जिसने पाकिस्तान को सबक सिखाया कि भारत की अस्मिता पर चोट बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”कर्नल रोहित चौधरी ने सेना के बलिदान और समर्पण को प्रेरणा का स्रोत बताते हुए कहा, “हमारे सैनिकों की वीरता और राष्ट्रप्रेम आने वाली पीढ़ियों के लिए अमूल्य धरोहर है।” उन्होंने सभा में पूर्व सैनिकों का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया।
कांग्रेस नेताओं ने केंद्र की भाजपा सरकार पर सेना के शौर्य का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। करण माहरा ने कहा, “भाजपा सेना के नाम पर वोट बैंक की राजनीति कर रही है, जो निंदनीय है। कांग्रेस ने हमेशा सेना का सम्मान किया और कभी इसका सियासी इस्तेमाल नहीं किया।”नेताओं ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस दावे पर सवाल उठाए, जिसमें उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर में मध्यस्थता का श्रेय लिया। यशपाल आर्य ने कहा, “अमेरिकी राष्ट्रपति और विदेश मंत्री का दावा कि उन्हें भारत की सैन्य कार्रवाई की पूर्व जानकारी थी, चिंताजनक है। केंद्र सरकार को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
हरीश रावत ने 1971 के युद्ध का जिक्र करते हुए कहा, “इंदिरा गांधी ने अमेरिकी दबाव को ठुकराकर देशहित में फैसला लिया था, लेकिन मोदी सरकार ने सीजफायर को क्यों स्वीकार किया? यह देश के लिए शर्मिंदगी की बात है।” उन्होंने नारा दिया, “अमेरिका की गुलामी बंद करो!” जिसे कार्यकर्ताओं ने जोरदार समर्थन दिया।
कांग्रेस नेताओं ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले को सुरक्षा चूक करार दिया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। काजी निजामुद्दीन ने पूछा, “प्रधानमंत्री को 17 अप्रैल को कश्मीर दौरे से पहले आतंकी हमले की आशंका की जानकारी थी, फिर भी पहलगाम हमला क्यों हुआ? यह गृह मंत्रालय की विफलता है।”
रामलीला मैदान में हजारों कार्यकर्ताओं की भीड़ और उनका उत्साह कांग्रेस की सक्रियता का प्रतीक था। सभा में ‘जय हिंद’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों से माहौल गूंज उठा। सुमित हृदयेश ने कहा, “यह सभा केवल सेना को सम्मान देने का मंच नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करने का संकल्प है।”कांग्रेस की रणनीति और भविष्य की योजनाकांग्रेस ने ‘जय हिंद सभा’ को देशभर में 20 से 30 मई तक 15 शहरों में आयोजित किया, जिसमें हल्द्वानी भी शामिल था। पार्टी का कहना है कि यह आयोजन सेना के सम्मान के साथ-साथ भाजपा के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के राजनीतिकरण और अमेरिकी हस्तक्षेप पर सवाल उठाने का मंच है।
कर्नल रोहित चौधरी ने कहा, “कांग्रेस हमेशा सेना के कल्याण और सम्मान के लिए प्रतिबद्ध रही है। हमारी मांग है कि सरकार पहलगाम हमले की जवाबदेही तय करे और सीजफायर के पीछे की सच्चाई सामने लाए।”
हल्द्वानी की ‘जय हिंद सभा’ ने कांग्रेस की एकजुटता और सेना के प्रति सम्मान को प्रदर्शित किया, साथ ही केंद्र सरकार पर तीखे सवाल उठाकर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर जवाबदेही की मांग की। यह आयोजन न केवल राजनीतिक मंच था, बल्कि देशभक्ति और एकता का संदेश देने वाला एक सशक्त प्रयास भी रहा।