देहरादून/रुद्रप्रयाग:हिंदी न्यूज, रुद्रप्रयाग जनपद के बडासू क्षेत्र में केदारनाथ धाम की ओर जा रहे क्रिस्टल एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के एक हेलिकॉप्टर को तकनीकी खराबी के कारण सड़क पर आपात कालीन लैंडिंग करनी पड़ी। हेलिकॉप्टर ने सिरसी हेलीपैड से पांच यात्रियों, पायलट और सह-पायलट के साथ उड़ान भरी थी, लेकिन टेकऑफ के तुरंत बाद पायलट को तकनीकी गड़बड़ी का आभास हुआ। पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए बडासू के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर हेलिकॉप्टर को सुरक्षित उतारा।
इस घटना में सह-पायलट को हल्की चोटें आईं, लेकिन सभी यात्री और चालक दल सुरक्षित हैं।स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (UCADA) की सीईओ सोनिका ने बताया कि घटना की सूचना नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को दे दी गई है, और मामले की जांच शुरू हो गई है। बाकी हेली सेवाओं का संचालन सामान्य रूप से जारी है।
हाल की अन्य घटनाएं और सुरक्षा चिंताएं
यह घटना केदारनाथ यात्रा के दौरान हेलिकॉप्टर सेवाओं से जुड़ी हालिया कई दुर्घटनाओं में से एक है। पिछले महीने, 17 मई 2025 को, ऋषिकेश एम्स की एक हेली एम्बुलेंस केदारनाथ हेलीपैड पर लैंडिंग के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस हादसे में हेलिकॉप्टर का पिछला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था, लेकिन पायलट, डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ सुरक्षित रहे।
इसके अलावा, 8 मई 2025 को गंगोत्री धाम जा रहा एक हेलिकॉप्टर गंगनानी के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें पांच महिलाओं सहित छह लोगों की मौत हो गई थी। इन लगातार घटनाओं ने केदारनाथ यात्रा के दौरान हेलिकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी हेली सेवा कंपनियों को अलर्ट जारी किया जाएगा। DGCA की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उड़ान भरने वाले सिंगल इंजन हेलिकॉप्टरों की सुरक्षा मानकों की कड़ाई से जांच और नियमित ऑडिट की आवश्यकता है।
गौरतलब है कि केदारनाथ घाटी की विषम भौगोलिक परिस्थितियां और मौसम की अनिश्चितता हेलिकॉप्टर उड़ानों को जोखिम भरा बनाती हैं। पिछले 10 वर्षों में इस क्षेत्र में 10 से अधिक बड़ी हेलिकॉप्टर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 2013 और 2022 के हादसों में कई लोगों की जान गई थी।
इन घटनाओं ने हेली सेवाओं के लिए सख्त नियमों और पुराने हेलिकॉप्टरों पर प्रतिबंध की मांग को और मजबूत किया है। प्रशासन और DGCA से अपेक्षा है कि हेलिकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं ताकि चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।