महिलाओं की हुंकार,चिकित्सकों के ट्रांसफर रुकवाने और शराब की दुकान बंद करने की मांग

रामनगर,हिंदी न्यूज। मालधन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से फीजिशियन डॉ. प्रशांत कौशिक और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. अर्चना कौशिक के पिथौरागढ़ स्थानांतरण पर तत्काल रोक लगाने, उनकी जगह अन्य चिकित्सकों की नियुक्ति करने, गोपाल नगर मालधन में पुनः खोली गई शराब की दुकान को बंद करने, और अवैध शराब पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग को लेकर महिला एकता मंच ने जोरदार आंदोलन की चेतावनी दी है। मंच के प्रतिनिधि मंडल ने रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट से मुलाकात कर चार सूत्रीय मांग पत्र सौंपा और तीन दिनों के भीतर समाधान न होने पर भाजपा सरकार के नेताओं और मंत्रियों के खिलाफ हल्ला बोल शुरू करने तथा मालधन बाजार बंद करने की घोषणा की है।

महिला एकता मंच ने विधायक को सौंपे गए मांग पत्र में निम्नलिखित मांगें प्रमुखता से उठाईं जिसमें स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार मालधन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से डॉ. प्रशांत कौशिक (फीजिशियन) और डॉ. अर्चना कौशिक (प्रसूति रोग विशेषज्ञ) के स्थानांतरण पर तत्काल रोक।अस्पताल मेंसर्जन,निश्चेतक, बाल रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट, और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति।डम्प पड़ी एक्स-रे मशीन को तत्काल चालू करने और अल्ट्रासाउंड सुविधा शुरू करने की मांग। 24 घंटे इमरजेंसी सेवाएं सुनिश्चित करने की आवश्यकता इसके अलावामंच ने आबकारी आयुक्त के 14 मई  के आदेश का हवाला देते हुए मालधन और पाटकोट में पुनः खोली गई शराब की दुकानों को तत्काल बंद करने की भी मांग की। इस आदेश में उत्तराखंड में सभी नव सृजित शराब की दुकानों को बंद करने का निर्देश दिया गया था।

महिला एकता मंच का अभियान “नशा नहीं, इलाज दो”महिला एकता मंच की सदस्य भगवती ने कहा, “हमारा अभियान ‘नशा नहीं, इलाज दो’ तब तक जारी रहेगा जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं। जनता बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग कर रही है, लेकिन सरकार नशा परोस रही है, जो हम महिलाओं को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं है।” उन्होंने सरकार पर लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं को नजरअंदाज करने और शराब की दुकानों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।मंच की अन्य सदस्यों, ममता, शिवानी, रजनी, कौशल्या, सरस्वती, और बी.डी. नैनवाल ने भी इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाई और चेतावनी दी कि यदि तीन दिनों के भीतर मांगों का समाधान  नहीं किया गया, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगी।

मालधन क्षेत्र की जनता और विशेष रूप से महिलाएं इस बात से नाराज हैं कि सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के बजाय शराब की दुकानों को प्राथमिकता दी है। मालधन में पहले से ही स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है, और विशेषज्ञ चिकित्सकों के स्थानांतरण ने स्थिति को और गंभीर कर दिया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि एक्स-रे मशीन खराब पड़ी है और आपातकालीन सेवाएं भी अपर्याप्त हैं। दूसरी ओर, शराब की दुकान दोबारा खोलने के फैसले को उन्होंने विश्वासघात करार दिया है।

महिला एकता मंच ने स्पष्ट किया कि यदि उनकी मांगें तीन दिनों के भीतर पूरी नहीं की गईं, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू करेंगी। इसमें भाजपा नेताओं और मंत्रियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और मालधन बाजार बंद करने जैसे कदम शामिल होंगे। मंच ने यह भी कहा कि वे इस मुद्दे को जन आंदोलन का रूप देकर सरकार पर दबाव बनाएंगी।

रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने प्रतिनिधि मंडल की बात सुनी और मांग पत्र स्वीकार किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे इन मांगों को गंभीरता से लेंगे और संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर समाधान निकालने का प्रयास करेंगे। हालांकि, मंच ने स्पष्ट किया कि वे केवल आश्वासनों से संतुष्ट नहीं होंगी और ठोस कार्रवाई की उम्मीद कर रही हैं।

मालधन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन वर्तमान में यह संसाधनों और कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है।, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 30 बिस्तरों की क्षमता होती है, लेकिन मालधन में विशेषज्ञ चिकित्सकों और उपकरणों की कमी के कारण मरीजों को पर्याप्त इलाज नहीं मिल पा रहा है। केंद्र सरकार की जननी शिशु सुरक्षा योजना (जेएसएसके) के तहत गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए मुफ्त परिवहन और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर इनका कार्यान्वयन अपर्याप्त है।

मालधन में शराब की दुकान को लेकर पहले भी विरोध हो चुका है। 12 जून को भी महिला एकता मंच ने इस मुद्दे पर प्रदर्शन किया था और 13 जून को एसडीएम का घेराव करने का निर्णय लिया था। मंच का कहना है कि आबकारी आयुक्त के आदेश के बावजूद दुकान को फिर से खोलना जनता के साथ धोखा है।

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