हल्द्वानी अतिक्रमण मामला”तानाशाही को नकार, मानवता को अपनाएं: सुमित हृदयेश का दमदार संदेश”

हल्द्वानी,हिंदी न्यूज विधायक सुमित हृदयेश ने मंगलवार को प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने के नाम पर जारी किए जा रहे नोटिसों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने सुभाष नगर स्थित प्राइमरी स्कूल में आयोजित आपत्ति कैंप का दौरा कर प्रशासनिक अधिकारियों से इस कार्रवाई पर तीखे सवाल उठाए और इसे अमानवीय करार दिया। विधायक ने स्पष्ट किया कि इस अन्याय के खिलाफ वे हर स्तर पर विरोध करेंगे और प्रभावित परिवारों के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे।

सुमित हृदयेश ने प्रशासन से सवाल किया कि जिन परिवारों को अतिक्रमण के नाम पर नोटिस थमाए जा रहे हैं, वे पिछले 50 से 60 वर्षों से इन क्षेत्रों में निवास कर रहे हैं। उन्होंने पूछा, “इतने वर्षों बाद अचानक इन लोगों को उजाड़ने का निर्णय किस आधार पर लिया गया?” विधायक ने कहा कि इस कार्रवाई से लोगों में भय का माहौल व्याप्त हो गया है और उनकी रातों की नींद उड़ चुकी है। उन्होंने प्रशासन की इस एकपक्षीय कार्रवाई को तानाशाही रवैया बताया और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त न करने की चेतावनी दी। 

काठगोदाम क्षेत्र का जिक्र करते हुए विधायक ने बताया कि वहां मलिन बस्ती श्रेणी A में रहने वाले लोगों को प्रशासन ने डराकर उनके मकान स्वयं तुड़वाए। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्रवाइयों से गरीब और मजलूर लोगों का जीना दूभर हो गया है। सुमित हृदयेश ने चेतावनी दी कि हल्द्वानी में ऐसी कोई भी एकपक्षीय कार्रवाई अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, “हम हर मंच पर इसका विरोध करेंगे और प्रभावित लोगों के हक की लड़ाई लड़ेंगे।”मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं

प्रशासनिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए विधायक ने भावुक अपील की। उन्होंने कहा, “मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं होता। अगर मैं आपकी जगह होता, तो ऐसी अमानवीय कार्रवाई के विरोध में कब का इस्तीफा दे चुका होता।” उन्होंने अधिकारियों से संवेदनशीलता के साथ काम करने और गरीब परिवारों की भावनाओं का सम्मान करने की अपील की।

भगवानपुर क्षेत्र का उदाहरण देते हुए सुमित हृदयेश ने बताया कि वहां कई फौजी परिवारों के मकानों पर अतिक्रमण के नाम पर लाल निशान लगाए गए हैं। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “एक ओर हम सैनिकों को सम्मान देने की बात करते हैं, दूसरी ओर उनके परिवारों के घर तोड़ने की तैयारी हो रही है। यह कैसा न्याय है?” विधायक ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाने और प्रभावित फौजी परिवारों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।

कैंप के बाद सुमित हृदयेश कुसुमखेड़ा क्षेत्र पहुंचे, जहां नाले के नाम पर प्रभावित हो रहे परिवारों से उन्होंने मुलाकात की। उन्होंने स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनीं और उन्हें भरोसा दिलाया कि इस अन्याय के खिलाफ वे उनके साथ पूरी ताकत से खड़े हैं। विधायक ने कहा, “हम किसी भी सूरत में गरीबों और मजलूरों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक प्रभावित परिवारों को न्याय नहीं मिल जाता।

सुमित हृदयेश के इस कदम से प्रभावित क्षेत्रों में जनता के बीच एक सकारात्मक संदेश गया है। स्थानीय निवासियों ने विधायक के इस रुख की सराहना की और कहा कि उनके समर्थन से उन्हें हिम्मत मिली है। दूसरी ओर, प्रशासन पर भी दबाव बढ़ गया है कि वह अतिक्रमण के नाम पर की जा रही कार्रवाइयों को लेकर पारदर्शिता और संवेदनशीलता दिखाए

विधायक ने संकेत दिए कि अगर प्रशासन ने अपनी कार्रवाई पर पुनर्विचार नहीं किया, तो वे इस मुद्दे को विधानसभा से लेकर सड़क तक हर मंच पर उठाएंगे। उन्होंने प्रभावित परिवारों से एकजुट रहने की अपील की और कहा कि यह लड़ाई सामूहिक रूप से लड़ी जाएगी।

हल्द्वानी में अतिक्रमण के नाम पर चल रही प्रशासनिक कार्रवाई ने एक बार फिर सियासी रंग ले लिया है। सुमित हृदयेश के इस कदम से न केवल प्रभावित परिवारों को बल मिला है, बल्कि यह मुद्दा अब क्षेत्रीय और राज्य स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या रुख अपनाता है और क्या प्रभावित परिवारों को राहत मिल पाती है।

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