हल्द्वानी:हिंदी न्यूज़ ।कुमाऊँ मण्डल के आयुक्त एवं सचिव, उत्तराखंड सरकार, दीपक रावत ने आज शनिवार, हल्द्वानी में आयोजित जनसुनवाई में आमजन की समस्याओं को गंभीरता से सुना और अधिकांश शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण किया। इस जनसुनवाई में विभिन्न प्रकार की समस्याएं सामने आईं, जिनमें पारिवारिक विवाद, पैतृक संपत्ति में नाम दर्ज कराने, अतिक्रमण, आर्थिक सहायता, चेक बाउंस और विशेष रूप से भूमि विवाद से संबंधित मामले प्रमुख रहे।
जनसुनवाई में अधिकांश शिकायतें भूमि विवादों से संबंधित थीं। इस पर आयुक्त दीपक रावत ने आमजन से अपील की कि वे भूमि खरीदने से पहले संबंधित भूमि की पूरी जांच-पड़ताल अवश्य करें। उन्होंने जोर देकर कहा कि भूमि खरीदने से पहले यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि उस पर कोई ऋण तो नहीं है या वह भूमि ‘भूमि सीलिंग अधिनियम’ के दायरे में तो नहीं आती। इसके अतिरिक्त, भूमि खरीद के लिए बनाए जाने वाले एग्रीमेंट का गंभीरता से अध्ययन करने के बाद ही हस्ताक्षर करें।आयुक्त ने सुझाव दिया कि भूमि खरीद के बाद उस पर चाहरदीवारी और भवन निर्माण अवश्य कराएं, ताकि अवैध कब्जे की संभावना को रोका जा सके। इससे भविष्य में होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है। उनकी यह सलाह उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो भूमि खरीदने के बाद उसकी देखरेख में लापरवाही बरतते हैं।
जनसुनवाई के दौरान शहर में आवारा पशुओं की समस्या भी सामने आई। इस पर आयुक्त ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को सख्त निर्देश दिए कि ऐसे पशु स्वामियों का चिन्हीकरण किया जाए, जो अपने पशुओं को आवारा छोड़ते हैं। साथ ही, इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए। यह कदम शहर में आवारा पशुओं से होने वाली असुविधा और खतरे को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
जनसुनवाई में कई लोगों ने अपनी समस्याएं आयुक्त के समक्ष रखीं, जिनमें अमीनुर्रहमान, निवासी हल्द्वानी ने बताया कि नजूल बाग, हल्द्वानी खास में उनकी 6 बीघा 9 बिस्वा भूमि पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर दुकानें बना ली हैं। आयुक्त ने इस मामले में उपजिलाधिकारी हल्द्वानी को जांच कर आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। पाना देवी, सीमा, हेमा देवी, दीवान सिंह, गोपाल सिंह, अल्मोड़ा निवासी इन लोगों ने बताया कि उन्होंने काशीपुर के ग्राम भगवंतपुर में 15 अन्य लोगों के साथ मिलकर भूमि खरीदी थी। यह भूमि फसल के लिए भू-स्वामी को दी गई थी, लेकिन बाद में हरि प्रसाद नामक व्यक्ति ने उस पर अवैध कब्जा कर लिया। आयुक्त ने उपजिलाधिकारी काशीपुर को जांच के आदेश दिए और आगामी शनिवार को भू-स्वामी, क्रेताओं और राजस्व विभाग को तलब किया।ज्योति जोशी, ग्राम चापड़, मौना ने बताया कि उन्होंने लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) की भूमि पर लगी तारबाड़ हटाने की मांग की।भूपेन्द्र कौर, बाजपुर ने भी अपनी भूमि से रोक हटाने की शिकायत की। और वही लीलाधर सुयाल, चोपड़ा, ज्योलीकोट निवासी ने क्रय की गई भूमि की रजिस्ट्री कराने में आ रही दिक्कतों को बताया। विमल बिष्ट, जज फार्म ने क्रय की गई भूमि के स्थान पर अन्यत्र भूमि दिए जाने की समस्या रखी।आयुक्त दीपक रावत ने इन सभी शिकायतों को गंभीरता से सुना और अधिकांश का मौके पर ही समाधान किया। जिन मामलों में तत्काल निस्तारण संभव नहीं था, उनमें संबंधित अधिकारियों को जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
दीपक रावत अपनी जनसुनवाई के दौरान हर शिकायतकर्ता तक पहुंचे और उनकी समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना। उनकी कार्यशैली की सराहना इसलिए भी की जाती है क्योंकि वे न केवल समस्याओं को सुनते हैं, बल्कि त्वरित और प्रभावी समाधान भी सुनिश्चित करते हैं। इस जनसुनवाई में उनकी सक्रियता और जनता के प्रति संवेदनशीलता स्पष्ट रूप से देखी गई है।