वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ’: गांधी मैदान में लाखों की हुंकार, तेजस्वी ने दी केंद्र को चुनौती

पटना, हिंदी न्यूज ।बिहार की राजधानी पटना का ऐतिहासिक गांधी मैदान रविवार को एक अभूतपूर्व जनसैलाब का गवाह बना। इमारत-ए-शरिया और अन्य मुस्लिम संगठनों द्वारा आयोजित ‘वक्फ बचाओ-संविधान बचाओ’ कॉन्फ्रेंस में लाखों लोग एकजुट हुए और केंद्र सरकार के वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। इस विशाल सभा में न केवल बिहार, बल्कि झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से हजारों लोग शामिल हुए, जिन्होंने तिरंगा और संविधान की प्रतियां हाथ में लेकर एकता और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा का संकल्प लिया।

हिम्मत है तो वक्फ को छूकर दिखाओ,राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने सभा को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार को खुली चुनौती दी। उन्होंने कहा, “ये देश किसी के बाप का नहीं, सबका है। हिंदू-मुस्लिम ने मिलकर आजादी की लड़ाई लड़ी थी। वक्फ हमारी विरासत है, इसे कोई छू भी नहीं सकता।” तेजस्वी ने ऐलान किया कि यदि बिहार में उनकी सरकार बनी, तो यह बिल “कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा।” उनके इस बयान पर भीड़ ने तालियों और नारों से गांधी मैदान को गूंजा दिया।

 सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने सभा में कहा, “यह केवल मुस्लिम समुदाय की लड़ाई नहीं, बल्कि संविधान की रक्षा का आंदोलन है। संसद में सिर्फ 24 मुस्लिम सांसद थे, लेकिन 200 से अधिक गैर-मुस्लिम सांसदों ने रात 3 बजे तक जागकर आपके हक में वोट किया।” उन्होंने जोर देकर कहा कि यह एकता ही देश की ताकत है।

बिहार के चर्चित नेता पप्पू यादव ने भी इस मंच से अपनी आवाज बुलंद की। उन्होंने कहा, “दिलों में नफरतें कम हों, मोहब्बत आम हो जाए। यह लड़ाई संसद से सड़क तक पहुंच चुकी है।” पप्पू यादव ने वक्फ संपत्तियों की रक्षा को संवैधानिक अधिकारों का सवाल बताया और इसे एकजुट होकर लड़ने की अपील की।

क्या है वक्फ संशोधन बिल?वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को केंद्र सरकार ने 8 अप्रैल 2025 को लागू किया था। इस बिल में वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने और सरकारी हस्तक्षेप बढ़ाने जैसे प्रावधान हैं, जिन्हें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) और अन्य संगठनों ने धार्मिक स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों पर हमला बताया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह बिल संविधान के अनुच्छेद 13, 14, 25, 26 और 300A का उल्लंघन करता है। सुप्रीम कोर्ट में इस बिल के खिलाफ छह याचिकाएं दायर की गई हैं।

गांधी मैदान बना एकता का प्रतीक चिलचिलाती गर्मी और उमस के बावजूद लाखों लोग गांधी मैदान में जुटे। ‘एक हाथ में गीता और कुरान, दूसरे हाथ में तिरंगा और संविधान’ के नारे के साथ यह प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा। सलमान खुर्शीद, AIMIM के अख्तरुल इमान और अन्य नेताओं ने भी सभा को संबोधित किया। अमीर-ए-शरियत ने दुआ के साथ कहा, “यह आंदोलन एक नई शुरुआत है। जब तक इंसाफ नहीं मिलेगा, हम पीछे नहीं हटेंगे।

वक्फ बिल के खिलाफ यह आंदोलन अब सड़कों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। AIMPLB और अन्य संगठनों ने इसे संवैधानिक मूल्यों की रक्षा की लड़ाई बताया है। बिहार में इस सम्मेलन ने न केवल मुस्लिम समुदाय, बल्कि अन्य समुदायों को भी एकजुट किया है। सलमान खुर्शीद ने कहा, “यह बिल मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला है, और हम इसे लागू नहीं होने देंगे।”आगे की राहगांधी मैदान का यह सम्मेलन एक ऐतिहासिक पड़ाव बन गया है। तेजस्वी यादव ने कहा, “यह लड़ाई अभी शुरू हुई है। हम संसद में, सड़कों पर और कोर्ट में इसे लड़ेंगे।” इस आंदोलन ने साफ कर दिया कि वक्फ संपत्तियों की रक्षा और संवैधानिक मूल्यों की हिफाजत के लिए जनता एकजुट है।

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