गरमपानी की बेटी पीहू राठौर ने पहले ही प्रयास में पास की IIT-JEE, IIT मद्रास में मिला दाखिला।

नैनीताल गरमपानी। नैनीताल,कोसी घाटी के छोटे से कस्बे गरमपानी की मेधावी बेटी पीहू राठौर ने अपनी कड़ी मेहनत, लगन और अटूट हौसले के दम पर एक ऐसी उपलब्धि हासिल की है, जो न केवल उनके परिवार और क्षेत्र, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। पीहू ने अपने पहले ही प्रयास में देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक, IIT-JEE (ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम), को शानदार ढंग से उत्तीर्ण किया और IIT मद्रास जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में प्रवेश प्राप्त किया। यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष और समर्पण की कहानी है, बल्कि उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों के बीच भी बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने की हिम्मत रखते हैं।

पीहू राठौर की कहानी किसी प्रेरणादायक फिल्म से कम नहीं है। बेहद कम उम्र में अपने पिता का साया खोने के बाद, पीहू ने अपनी मां श्रीमती रीना राठौर के मार्गदर्शन और समर्थन के साथ अपने सपनों को पंख दिए। तीन बहनों में सबसे छोटी पीहू ने न केवल अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया, बल्कि हर चुनौती को एक अवसर में बदला। उनकी प्रारंभिक शिक्षा आयुष्मान कान्वेंट विद्यालय, गरमपानी और अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज (GIC), भुजान से हुई, जहां उन्होंने अपनी प्रतिभा और मेहनत से सभी का ध्यान आकर्षित किया। बारहवीं की परीक्षा में शानदार अंकों के साथ उत्तीर्ण होने के बाद, पीहू ने IIT-JEE की तैयारी शुरू की और पहले ही प्रयास में यह कठिन परीक्षा पास कर ली।

पीहू का चयन IIT मद्रास में चार वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम के लिए हुआ है। यह उपलब्धि इसलिए भी खास है, क्योंकि IIT-JEE को पास करना लाखों छात्रों के लिए एक सपना होता है, और पीहू ने इसे पहले ही प्रयास में हासिल कर लिया। उनकी इस सफलता ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे कोसी घाटी क्षेत्र को गौरवान्वित किया है। स्थानीय लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है, और हर कोई इस मेधावी बेटी की उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहा है।

 

पीहू की प्रतिभा केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं है। वह मार्शल आर्ट में भी निपुण हैं, जो उनकी अनुशासित और साहसी व्यक्तित्व को दर्शाता है। यह संतुलन उनकी मेहनत, समय प्रबंधन और बहुमुखी प्रतिभा का प्रतीक है। पीहू ने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरुजनों और मां रीना राठौर को दिया है, जिन्होंने हर कदम पर उनका साथ दिया।

पीहू का सपना यहीं तक सीमित नहीं है। चार वर्षीय डिप्लोमा पूरा करने के बाद, वह लोक सेवा आयोग (PSC) की परीक्षा पास कर देश की सेवा करना चाहती हैं। उनकी यह महत्वाकांक्षा और देश के प्रति समर्पण भावना हर युवा के लिए एक प्रेरणा है। पीहू का कहना है, “सपने बड़े हों या छोटे, अगर मेहनत और लगन हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं।”

पीहू की इस असाधारण उपलब्धि पर आयुष्मान कान्वेंट विद्यालय के प्रबंधक मुकेश त्रिपाठी, GIC भुजान के प्रधानाचार्य डॉ. संजीव अहलावत, और क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों जैसे विरेंद्र सिंह बिष्ट, गजेंद्र सिंह, मनीष तिवारी, फिरोज अहमद, राकेश जलाल, गोविंद सिंह नेगी, प्रेम नाथ गोस्वामी, विवेक पंत और देवेश कांडपाल ने उन्हें हार्दिक बधाई दी है। स्थानीय समुदाय ने पीहू की सफलता को क्षेत्र की बेटियों के लिए एक मिसाल बताया है।

पीहू की कहानी उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा है, जो यह सोचते हैं कि संसाधनों की कमी उनकी राह में बाधा बन सकती है। उन्होंने साबित कर दिया कि सफलता किसी की मोहताज नहीं होती। कठिन परिश्रम, आत्मविश्वास और सही मार्गदर्शन के साथ कोई भी अपने सपनों को हकीकत में बदल सकता है। पीहू की इस उपलब्धि ने न केवल गरमपानी, बल्कि पूरे उत्तराखंड और देश की बेटियों को यह संदेश दिया है कि मेहनत और लगन से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।

IIT मद्रास में प्रवेश के साथ पीहू का यह सफर अब और रोमांचक होने वाला है। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे समाज को गर्व करने का मौका दिया है। हम सभी की ओर से पीहू को इस शानदार उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए  आने वाले जीवन में तुम्हें अनगिनत सफलताएं मिलें – यही शुभकामनाएं हैं हिंदी न्यूज़ की ओर से।

 “कोसी घाटी की यह बेटी उन तमाम छात्रों के लिए उम्मीद की किरण है, जो संघर्षों से जूझ रहे हैं। पीहू का नाम आने वाली पीढ़ियों के लिए सफलता का पर्याय बन जाएगा।

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