देहरादून, हिंदी न्यूज़ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नमक में मिलावट की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सभी जिलाधिकारियों को खाद्य सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के कड़े निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के आदेशों के क्रम में शुक्रवार को गढ़वाल जिले में जिलाधिकारी श्रीमती स्वाति एस. भदौरिया के नेतृत्व में राजस्व विभाग, पूर्ति विभाग और खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन की संयुक्त टीम ने जनपद की सभी तहसीलों में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर औचक निरीक्षण अभियान चलाया।
निरीक्षण के दौरान सरकारी राशन की दुकानों पर उपलब्ध नमक की गुणवत्ता को प्राथमिकता के साथ जांचा गया। दुकानों में रखे नमक के पैकेटों के नमूने एकत्र किए गए, जिन्हें विस्तृत जांच के लिए रुद्रपुर स्थित खाद्य प्रयोगशाला भेजा गया है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि नमक के रख-रखाव और हैंडलिंग में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि उपभोक्ताओं तक केवल उच्च गुणवत्ता वाला आयोडाइज्ड नमक ही पहुंचे।
नमक के साथ-साथ निरीक्षण दल ने राशन की दुकानों पर उपलब्ध अन्य खाद्यान्न सामग्रियों जैसे गेहूं, चावल, दाल और चीनी की उपलब्धता और गुणवत्ता का भी गहन परीक्षण किया। उप जिलाधिकारियों, तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों, राजस्व निरीक्षकों और उप निरीक्षकों की टीमें इस अभियान में सक्रिय रूप से शामिल रहीं। निरीक्षण के दौरान दुकानों में स्टॉक रजिस्टर, वितरण प्रक्रिया और स्वच्छता मानकों की भी जांच की गई।
जिलाधिकारी श्रीमती स्वाति एस. भदौरिया ने निरीक्षण के बाद अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि यदि किसी भी दुकान में खाद्य सामग्री में मिलावट या अनियमितता पाई जाती है, तो नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा, “जनता को सुरक्षित और मानक के अनुरूप खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। किसी भी प्रकार की लापरवाही या मिलावट को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अभियान के माध्यम से यह संदेश दिया है कि राज्य सरकार जनता के स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। नमक में आयोडीन की कमी या मिलावट से जनस्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। गढ़वाल में चलाए गए इस निरीक्षण अभियान को अन्य जिलों में भी लागू करने की योजना है, ताकि पूरे प्रदेश में खाद्य सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।
जिलाधिकारी ने बताया कि इस तरह के औचक निरीक्षण अभियान नियमित रूप से चलाए जाएंगे। साथ ही, उपभोक्ताओं से भी अपील की गई है कि यदि उन्हें राशन की दुकानों पर खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को लेकर कोई शिकायत हो, तो वे तुरंत जिला प्रशासन या खाद्य संरक्षा विभाग से संपर्क करें। प्रयोगशाला से नमक के सैंपलों की रिपोर्ट आने के बाद दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
इस अभियान से न केवल खाद्य सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी, बल्कि सरकारी राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वास भी बढ़ेगा। गढ़वाल जिले में इस पहल को स्थानीय जनता ने सराहा है और इसे जनहित में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।